बिलासपुर: पीएम आवास योजना को लेकर चुनाव के पहले भाजपा ने गरीबों को मकान बनाकर नहीं देने को लेकर कांग्रेस को घेरा था. हालांकि अब यही समस्या भाजपा सरकार के सामने आने वाली है. प्रदेश में लगभग 18 लाख मकान बनाने का काम लंबित पड़ा है. इसके लिए बजट और समय दोनों ही एक बड़ी समस्या होगी.
बघेल ने केन्द्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था: भूपेश बघेल के कार्यकाल में लगभग 14 लाख मकान बनने बाकी थे. अब इस साल का मिलाकर लगभग 18 लाख मकान हो जाएंगे. ऐसे में भाजपा सरकार के लिए भी मुसीबत बढ़ सकती है. केंद्र सरकार अपने हिस्से का फंड तो समय पर जारी कर देती है लेकिन राज्य सरकार के फंड में परेशानी होती है. पिछली कांग्रेस की सरकार पर भाजपा ने गरीबों के मकान बनाने में पिछड़ने और राज्यांश नहीं देने का आरोप लगाया था.तब भूपेश बघेल की सरकार ने जीएसटी फंड न मिलने की बात कही थी. साथ ही केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया था. भूपेश बघेल ने कहा था कि केंद्र सरकार जीएसटी फंड जारी करेगी तो राज्य सरकार के पास पैसे आ जाएंगे और गरीबों को कई योजनाओ का लाभ मिल सकेगा.
केन्द्र सरकार ने दूसरे राज्य को दिया फंड: छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर लंबे समय से सियासत चल रही थी. इन सब के बीच प्रदेश भाजपा लगातार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते आ रही थी कि वह गरीबों का हक मार रही है. गरीबों के लिए पीएम आवास योजना के तहत बनाकर दिए जा रहे मकानों को तैयार नहीं कर रही है. पिछले 3 सालों में लगभग 14 लाख मकान तैयार करने थे. केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की राशि आवंटित भी कर दी थी लेकिन राज्यांश नहीं मिलने की वजह से यह राशि लैप्स हो गई और इसे उठाकर केंद्र सरकार ने दूसरे राज्य में दे दिया था.
जीएसटी फंड रिलीज की समस्या कब होगी खत्म: अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बन गई है. पीएम आवास निर्माण का पिछले 3 सालों का भार एक साथ बढ़ने वाला है. लगभग 14 लाख मकान तैयार किए जाने हैं. इसके लिए बड़ी धनराशि चाहिए. देखा जाए तो अब राज्य को बड़ी धनराशि राज्यांश के रूप में देना होगा. ऐसे में भाजपा की सरकार को भी यह भारी पड़ सकता है. भाजपा केंद्र की सरकार से जीएसटी फंड रिलीज करने की मांग भी कर सकती है. 2 सालों में केंद्र सरकार ने जीएसटी फंड रिलीज नहीं किया था. हालांकि अब जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो ये समस्या खत्म हो जाएगी.
राज्य सरकार का हिस्सा जीएसटी फंड से करोड़ों रुपए राज्य को मिलेंगे. इससे राज्य पीएम आवास योजना के तहत राज्यांश आसानी से दे सकेगा. पीएम आवास योजना को लेकर अब केंद्र और राज्य सरकार आपस में मिलकर काम करेगी, जिससे गरीबों का भला होगा. लेकिन इन सब में एक बात यह भी सामने आती है कि भाजपा ने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादा किया है, उसमें हजारों करोड़ रुपए खर्च होंगे. ऐसे में क्या पीएम आवास योजना बनने का रास्ता साफ हो पाएगा? -महेश तिवारी, पॉलिटिकल एक्सपर्ट
जीएसटी फंड से पीएम आवास हो सकता है पूरा: पीएम आवास योजना को लेकर पिछले कुछ दिनों से हो रही सियासत पर अब पूर्ण विराम लग सकता है. पहले भाजपा कांग्रेस की सरकार को इस मामले में घेरती थी. लेकिन अब भाजपा ने कुछ प्रदेश में सरकार बना लिया है. इससे ये समस्या खत्म हो जाएगी. राजनीति के जानकारों की मानें तो केंद्र सरकार लंबे समय से राज्य की जीएसटी का हिस्सा रोके हुए थी. इसे अब राज्य सरकार को रिलीज कर सकती है. भाजपा की डबल इंजन की सरकार मिलकर विकास की बात कह रही है. गरीबों के लिए मकान बनाने के मामले में दोनों ही सरकार का मत एक रहेगा. ऐसे में अब पीएम आवास निर्माण का रास्ता खुल जाएगा.