बिलासपुर: सारंगढ़ बिलाईगढ़ को नया जिला बनाने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में कोर्ट ने याचिका को निराकृत कर दिया है. कोर्ट ने सरकार को कहा है कि जिला बनाने से पहले आपत्तियों का निराकरण कर लें, ताकि लोगों को जिला बनाते समय आपत्ति ना हो. कोर्ट ने कहा आपत्तियों और अभ्यावेदन का निराकरण किये बिना जिला गठन नहीं किया जाएगा.
सारंगढ़ बिलाईगढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा: राज्य सरकार ने सारंगढ़ बिलाईगढ़ को नया जिला बनाने की घोषणा की. जिला निर्माण में बिलाईगढ़ विकासखंड को शामिल करने का विरोध किया जा रहा है. जिला अभिभाषक संघ ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने जिला गठन के नोटिफिकेशन को चुनौती दी थी. साथ ही अपने कानूनी आपत्ति भी प्रस्तुत की थी. इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका को इस निर्देश के साथ निर्धारित कर दिया कि याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन और आपत्ति का छत्तीसगढ़ शासन पहले निराकरण करेगी. जब तक इसका निराकरण नहीं हो जाता. तब तक जिला गठन की कार्यवाही नहीं की जाएगी.
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शासन ने कोर्ट के आदेश का पालन नही किया: पिछली बार कोर्ट ने आदेश देकर कहा था कि आपत्ति और अभ्यावेदन के निराकरण के पहले जिला गठन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जानी चाहिए. लेकिन कुछ दिन पहले ही सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के लिए शासन ने कलेक्टर के रूप में ओएसडी और एसपी के रूप में ओएसडी की नियुक्ति की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव व राजस्व सचिव ने कर दिया. साथ ही जिला गठन के कार्य को जारी रखा जो हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है.
अवमानना याचिका पर होगी सुनवाई: याचिकाकर्ताओं द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर राजस्व सचिव व कलेक्टर के माध्यम से अपनी आपत्ति और अभ्यावेदन प्रस्तुत किया. जिसका निराकरण नहीं किया गया. याचिकाकर्ताओं को नोटिस देकर व्यक्तिगत सुनवाई नहीं की. चीफ जस्टिस अरूप गोस्वामी की डिवीजन बेंच ने अवमानना याचिका पर सुनवाई की तारीख तय कर दी है. अवमानना याचिका में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए विभागों के आला अफसरों को व्यक्तिगत रूप से जवाब देने के लिए 2 अगस्त को कोर्ट में तलब किया है.