बिलासपुरः छत्तीसगढ़ में कोरोना के 4 हजार से अधिक नए केस सामने आए हैं. नए स्ट्रेन में कोरोना संक्रमण के कुल मामले 31 हजार से भी ज्यादा हो चुके हैं. ऐसे विकराल माहौल में कोरोना को लेकर जरूरी एहतियात ही एकमात्र उपाय बचा है, लेकिन सामान्य जिंदगी में अभी भी बेपरवाही इस कदर बढ़ी है कि लोग कोरोना को सरेआम आमंत्रण देने पर तुले हैं.
बस में नहीं कोई व्यवस्था
बिलासपुर-रायपुर मेन मार्ग में स्थित बिलासपुर हाईटेक बस स्टैंड का ईटीवी भारत ने जायजा लिया. ETV भारत ने जब बस के कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि यहां तो सब कुछ गोल माल है. बस में सैनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग जैसी कोई व्यवस्था नजर ही नहीं आई.
लोगों में दिखी जागरूकता की कमी
बस स्टैंड परिसर में चारों तरफ कोरोना को लेकर लापरवाही दिखी. कोरोना का भय भी लोगों में जरूर था. सामान्य दिनों की तरह लोग बस स्टैंड परिसर में नहीं थे. मतलब साफ है कि कोरोना के दूसरे कहर के बाद लोग यात्रा से अब परहेज करने लगे हैं. कोरोना को लेकर जीवनशैली में कोई बदलवा नहीं हुआ है. कई यात्री मास्क लगाए नहीं दिखे. कुछ यात्री तो ऐसे भी मिले जिनके पास मास्क था ही नहीं.
प्रभावित हुआ परिवहन
बस स्टैंड में अन्य राज्यों से लोग पहुंच रहे हैं. लेकिन बस के कर्चारियों का कहना है कि पहले के मुकाबले यात्रियों की संख्या कम है, जिससे परिवहन सेक्टर काफी प्रभावित हुआ है. बस कर्मचारियों ने इसे लेकर चिंता जताई है.
नियमों का नहीं हो रहा पालन
अधिकांश बसों में सैनिटाइजर की सुविधा नहीं थी. पूछने पर जवाब मिला कि सैनिटाइजर खत्म हो चुका है तो कई बस चालक अगल-बगल झांकने लगे. कोरोना को लेकर लापरवाही अभी भी बहुत ज्यादा है. देश में बेहद संवेदनशील राज्यों में छत्तीसगढ़ शुमार होने के बावजूद भी लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं.
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सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां
बस स्टैंड पर कुछ मजदूर महाराष्ट्र से आए हुए थे. जहां सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उडाई जा रही थी. किसी के पास ना तो मास्क था ना ही कोरोना का डर. बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक जगहों पर प्रशासन की निगरानी भी बिल्कुल भी नहीं दिखी. यह भी चिंता का विषय है. ऐसा लग रहा कि अब प्रशासन सिर्फ कागजों पर चिंता करने में मुग्ध है. जमीनी हकीकत से उसे कोई लेना देना नहीं है.