बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के देखते हुए छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लॉकडाउन लगाया गया है, लेकिन लोग इसका पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं. इसके साथ ही जिम्मेदार भी इस ओर ध्यान देने में कोताही बरत रहे हैं और एक दूसरे को कोरोना बांटने में लगे हुए हैं.
बिलासपुर में 23 जुलाई से 31 जुलाई तक लॉकडाउन लगाया गया है. इसके तहत अत्यावश्यक चीजों के लिए सुबह 6:00 बजे से 12:00 बजे तक छूट दी गई है. बावजूद इसके लोग लापरवाही बरत रहे हैं और लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. इसके साथ ही प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर सुस्त नजर आ रहा है.
लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते लोग
जिला प्रशासन बार-बार लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने की बात कह रहा है, लेकिन जिले में प्रशासन की विफलता साफ नजर आ रही हैं. बीते दिनों एक जेल प्रहरी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी, जिसे बाद में क्वॉरेंटाइन किया गया था, लेकिन जेल प्रहरी मस्तमौला सड़क पर घूमता नजर आया. अगर इसी तरह प्रशासन सुस्त बना रहा और गलियों में लोगों का हुजूम निकलता रहा तो लॉकडाउन को फेल होते देर नहीं लगेगी.
पढ़ें: कोरोना संकट : छत्तीसगढ़ में 6 अगस्त तक बढ़ाया गया लॉकडाउन
6 अगस्त तक लॉकडाउन
कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए छत्तीसगढ़ में लाकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन को लेकर लोगों के सतर्क करने के लिए पुलिस ने फ्लैग मार्च निकाला था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित सभी नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए थे. छत्तीसगढ़ के हर जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सोमवार को सीएम हाउस में मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई गई है. जिसमें में लॉकडाउन को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना संक्रमण बढ़ने की बात मानी है. इसके बाद सर्वसम्मति से 6 अगस्त तक लॉकडाउन बढ़ाने के लिए जिला कलेक्टर को निर्देशित किया है.