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धान खरीदी केंद्र में टोकन काटने को लेकर विवाद, प्रबंधन पर किसानों ने जताई नाराजगी - पेंड्रा धान खरीदी केंद्र

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान ख़रीदी शुरू होने जा रही है, लेकिन धान खरीदी केंद्रों में लापरवाही के कारण किसान परेशान नजर आ रहे हैं. धान खरीदी केंद्रों में टोकन को लेकर किसानों और प्रबंधन के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है. हाल ही में पेंड्रा धान खरीदी केंद्र में टोकन को लेकर विवाद हो गया.

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धान खरीदी केंद्रों में नही थम रहा है विवादों का सिलसिला
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Published : Dec 1, 2020, 12:38 AM IST

पेंड्रा: धान खरीदी केंद्र में टोकन काटने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. टोकन काटने को लेकर समिति के कर्मचारियों और किसानों में जमकर विवाद हुआ. मामला संभालने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस को भी बुलाना पड़ा. बाद में पेंड्रा के किसानों का पट्टा वापस कर दिया गया, उन्हें अगली तारीख को टोकन देने का फैसला किया गया है.

धान खरीदी केंद्रों में नही थम रहा है विवादों का सिलसिला

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 1 दिसंबर से निर्धारित तिथि के अनुसार धान खरीदी होना है, जिसके लिए जिले में तैयारियां अंतिम दौर में है, लेकिन पेंड्रा सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाली धान खरीदी केंद्र में टोकन के मसले में विवाद उपज गया है. बीते 27 नवंबर से टोकन काटने की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन कलेक्टर कार्यालय में मीटिंग की वजह से उस दिन टोकन किसानों को नहीं मिल पाया. ऐसे में किसानों में खासी नाराजगी है.

किसान धान खरीदी प्रबंधन से नाराज

धान खरीदी केंद्र में 27 तारीख को टोकन कटवाने आए सभी किसानों की एक सूची तैयार की गई, जिसके अनुसार आगामी तिथि में उनका टोकन काटा जाना था, लेकिन छुट्टी होने के बाद सोमवार को जब सूची के अनुसार किसान टोकन कटवाने पहुंचे, तो किसानों के बीच में विवाद हो गया. अब किसान धान खरीदी प्रबंधन से खासे नाराज हैं.

धान खरीदी केंद्र में पुलिस की लेनी पड़ी मदद

कलेक्टर के निर्देशानुसार सोमवार से पेंड्रा क्षेत्र के किसानों का टोकन काटा जाना था. जबकि 27 तारीख को जिन किसानों का टोकन काटना था उनमें पेंड्रा के अलावा आसपास के गांव के भी किसान थे. किसान कलेक्टर के निर्देश मुताबिक टोकन काटने की मांग कर रहे थे. वहीं जो किसान 27 तारीख को नहीं आये थे, वह भी सोमवार को टोकन करने की मांग कर रहे थे. इसी को लेकर धान खरीदी केंद्र में ड्रामा चलता रहा. किसानों के ड्रामे से परेशान होकर प्रबंधन को पुलिस की मदद लेनी पड़ी.

मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम

मामले को बिगड़ता देख मौके पर नायब तहसीलदार, तहसीलदार फूड इंस्पेक्टर की टीम पहुंची. प्रशासन ने किसी तरह किसानों को समझाइश दी. जो किसान 27 तारीख को आए थे और उनका टोकन नहीं कटा था, उनका टोकन काटा जाएगा. इसलिए बाकियों के पट्टे वापस कर दिए गए हैं.

किसानों को समझाइश के बाद मामला हुआ शांत

वहीं तहसीलदार के आदेश पर समिति के कर्मचारी ने दीवार पर चस्पा किए गए कलेक्टर के आदेश की कॉपी भी फाड़ दी, जिसमें दिन के अनुसार अलग-अलग गांव के किसानों का टोकन काटा जाना था. वहीं मौके पर पहुंचे अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए रखे. किसानों को समझाइश के बाद मामला शांत हुआ.

पेंड्रा: धान खरीदी केंद्र में टोकन काटने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. टोकन काटने को लेकर समिति के कर्मचारियों और किसानों में जमकर विवाद हुआ. मामला संभालने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पुलिस को भी बुलाना पड़ा. बाद में पेंड्रा के किसानों का पट्टा वापस कर दिया गया, उन्हें अगली तारीख को टोकन देने का फैसला किया गया है.

धान खरीदी केंद्रों में नही थम रहा है विवादों का सिलसिला

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 1 दिसंबर से निर्धारित तिथि के अनुसार धान खरीदी होना है, जिसके लिए जिले में तैयारियां अंतिम दौर में है, लेकिन पेंड्रा सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाली धान खरीदी केंद्र में टोकन के मसले में विवाद उपज गया है. बीते 27 नवंबर से टोकन काटने की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन कलेक्टर कार्यालय में मीटिंग की वजह से उस दिन टोकन किसानों को नहीं मिल पाया. ऐसे में किसानों में खासी नाराजगी है.

किसान धान खरीदी प्रबंधन से नाराज

धान खरीदी केंद्र में 27 तारीख को टोकन कटवाने आए सभी किसानों की एक सूची तैयार की गई, जिसके अनुसार आगामी तिथि में उनका टोकन काटा जाना था, लेकिन छुट्टी होने के बाद सोमवार को जब सूची के अनुसार किसान टोकन कटवाने पहुंचे, तो किसानों के बीच में विवाद हो गया. अब किसान धान खरीदी प्रबंधन से खासे नाराज हैं.

धान खरीदी केंद्र में पुलिस की लेनी पड़ी मदद

कलेक्टर के निर्देशानुसार सोमवार से पेंड्रा क्षेत्र के किसानों का टोकन काटा जाना था. जबकि 27 तारीख को जिन किसानों का टोकन काटना था उनमें पेंड्रा के अलावा आसपास के गांव के भी किसान थे. किसान कलेक्टर के निर्देश मुताबिक टोकन काटने की मांग कर रहे थे. वहीं जो किसान 27 तारीख को नहीं आये थे, वह भी सोमवार को टोकन करने की मांग कर रहे थे. इसी को लेकर धान खरीदी केंद्र में ड्रामा चलता रहा. किसानों के ड्रामे से परेशान होकर प्रबंधन को पुलिस की मदद लेनी पड़ी.

मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम

मामले को बिगड़ता देख मौके पर नायब तहसीलदार, तहसीलदार फूड इंस्पेक्टर की टीम पहुंची. प्रशासन ने किसी तरह किसानों को समझाइश दी. जो किसान 27 तारीख को आए थे और उनका टोकन नहीं कटा था, उनका टोकन काटा जाएगा. इसलिए बाकियों के पट्टे वापस कर दिए गए हैं.

किसानों को समझाइश के बाद मामला हुआ शांत

वहीं तहसीलदार के आदेश पर समिति के कर्मचारी ने दीवार पर चस्पा किए गए कलेक्टर के आदेश की कॉपी भी फाड़ दी, जिसमें दिन के अनुसार अलग-अलग गांव के किसानों का टोकन काटा जाना था. वहीं मौके पर पहुंचे अधिकारी मीडिया से दूरी बनाए रखे. किसानों को समझाइश के बाद मामला शांत हुआ.

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