पेंड्रा: नाबालिग के अपहरण और बलात्कार के आरोपी को एडीजे कोर्ट ने पास्को एक्ट के तहत 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई. मामला 29 अगस्त 2021 का पेंड्रा के डूमरखेरवा गांव का है. जहां आरोपी नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर अपने साथ रखकर बलात्कार करता रहा. अब स्पेषल एडीजे कोर्ट गौरेला ने यह फैसला सुनाया.
यह है पूरा मामला: दरअसल मामला 29 अगस्त 2021 का पेंड्रा थाना क्षेत्र के डूमरखेरवा गांव का है. जहां रहने वाली एक नाबालिग 12 साल की स्कूली छात्रा अपने नाना के घर में रहती थी. जहां इसी गांव के रहने वाले साहिल कुल्हरिया ने इन्स्टाग्राम के जरिये उसकी दोस्ती हुयी और दोनों बात करने लगे. जिसके बाद आरोपी ने बच्ची को प्रेम जाल में फंसाकर अपने साथ मोटरसायकल से पहले दुपहिया और फिर किराये की बोलेरो करके बिलासपुर भगा ले गया. जहां बिलासपुर मामा ओमप्रकाष पनरिया के घर ले जाकर बच्ची का दुश्कर्म करता रहा. बाद मे मामा ने पीड़िता को उसके घर भेज दिया. उधर परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया. इस मामले में पुलिस ने अपराध क्रमांक 198/21 कायम किया और आरोपियों को गिरफतार किया.
कोर्ट ने सुनाया यह फैसला: जहां विषेश अपर सत्र न्यायाधीष किरण थवाईत ने मामा ओमप्रकाष पनरिया को भादवि की धारा 366/368 के आरोपों से दोशमुक्त करने का आदेष जारी किया. वहीं नाबालिग के साथ बलात्कार के मामले में अलग अलग धाराओं के तहत सजा सुनायी. जिसमें पास्को एक्ट के तहत आरोपी साहिल कुल्हरिया उर्फ षनि उर्फ लक्की, पिता रामलाल कुल्हरिया, उम्र 19 वर्श को भादवि की धारा 363 के तहत 2 साल का सश्रम कारावास और 500 रूपये का अर्थदंड, धारा 366 के तहत 5 साल का सश्रम कारावास और 500 रूपये का अर्थदंड तथा पास्को एक्ट 2012 की धारा 6 के तहत 20 साल के सश्रम कारावास और 1000 रूपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है. इस मामले में षासन की ओर से पैरवी विषेश अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज नगाईच ने की. वहीं इस मामले में स्पेषल एडीजे किरण थवाईत ने अवयस्क पीड़िता के साथ हुये अपराध के कारण उसकी मानसिक और षारीरिक पीड़ा को देखते हुये उसके पुर्नवास के लिये पीड़ित प्रतिकार योजना के अंतर्गत धारा 357क आईपीसी के प्रावधानों के तहत उसे समुचित प्रतिकर प्रदान करने के लिये आदेष की कॉपी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर को भेजने के निर्देष दिये हैं.