बिलासपुर: आप शहर के अलग-अलग मुख्य मार्गों से होकर गुजरिए. हर जगह जाम और गाड़ी पार्किंग की असुविधा नजर आएगी. शहर का दायरा तो बढ़ा है लेकिन आबादी भी कई गुना बढ़ गई है. लेकिन बेहतर यातायात और हाईलेवल पार्किंग सिस्टम के लिए अबतक कोई रोडमैप तैयार नहीं हुआ है. स्थानीय आए दिन जाम जैसी असुविधा से दो चार होते रहते हैं.
पार्किंग व्यवस्था बेहाल
70 वार्ड वाले इस विस्तृत निगम क्षेत्र में कहीं भी पार्किंग की उच्चस्तरीय व्यवस्था नजर नहीं आती है. कई बार शहर में मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा के लिए बातें की गई लेकिन अबतक उसे अंजाम नहीं दिया गया.
इन इलाकों में है ज्यादा परेशानी
शहर के कलेक्टोरेट क्षेत्र, पुराना बसस्टैंड, गोल बाजार, सदर बाजार, तेलीपारा जैसे व्यस्ततम क्षेत्रों में सुगम यातायात एक सपना हो चुका है. इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बेहतर ट्रैफिक प्रबंधन और खासकर पार्किंग की सुविधा होने की सख्त जरूरत है. लेकिन अबतक इन बातों पर गौर नहीं किया गया. इसका सीधा खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
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इन इलाकों में चलना मुश्किल
बिलासपुर 70 वार्डों वाला विस्तृत निगम क्षेत्र है. पूरे इलाके में कहीं भी पार्किंग की उच्चस्तरीय व्यवस्था नहीं दिखती है. कई बार शहर में मल्टीलेवल पार्किंग की सुविधा के लिए बातें की गई, लेकिन अबतक उसे अंजाम नहीं दिया गया. कई क्षेत्रों में सबसे ज्यादा बेहतर ट्रैफिक और खासकर पार्किंग की सुविधा की जरूरत है. लेकिन अबतक इन बातों पर गौर ही नहीं किया गया. जिसका सीधा खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है.
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शहर को विकास की जरूरत
नेहरू चौक से गोल बाजार होते हुए गांधी चौक तक शहर के मुख्य बाजार हैं. यहां रोज हजारों की संख्या में लोग खरीददारी के लिए पहुंचते हैं. त्योहारों के मौके पर तो यह संख्या लाख तक पहुंच जाती है, लेकिन यह संकरी है. कई बार रविवार के बाजार के लिए भी सड़क को वाहनों के लिए बंद करना पड़ता है. इन इलाकों को विकास की सख्त जरूरत है. लेकिन अक्सर यहां के आम लोग और व्यापारी भी इस विकास से घबराते हैं. ऐसे में निगम भी इलाकों में कुछ भी बदलाव करने से बचता है.
शहर पहुंचते हैं गांव के लोग
बिलासपुर जिले में 4 ब्लॉक, 5 तहसील और 708 गांव शामिल हैं. आस-पास के इलाके में बिलासपुर सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र है. ऐसे में लोग यहां घूमने, ऑफिर कार्य, न्यायालय, कलेक्टोरेट और खरीददारी के लिए पहुंचते हैं. जिससे शहर की भीड़ बढ़ती है. ऐसे में ट्रैफिक सिस्टम और पार्किंग सिस्टम को ज्यादा दुरुस्त करने के साथ सुविधाओं को विस्तार देने की सख़्त जरूरत है. रूरत है लोगों को भी चाहिए कि वो अपने ट्रैफिक और पार्किंग सेंस को और ज्यादा विकसित करें.
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हादसों से भरा जिला
- जनवरी में 125 हादसे
- फरवरी में 89 हादसे
- मार्च में 63 दुर्घटनाएं
- अप्रैल में 19 हादसे
- मई में 42 दुर्घटनाएं
- जून में 88 हादसे
- जुलाई में 76 दुर्घटनाएं
- अगस्त में 83 हादसे
- सितम्बर में 60 दुर्घटनाएं
- अक्टूबर में 80
- नवंबर में 94 दुर्घटनाएं