बिलासपुर: बिलासपुर रेडी टू ईट मामले में सभी याचिकाएं खारिज होने के बाद मामला डबल बेंच पहुंच गया है. याचिका डबल बेंच में पेश की गई है. याचिका स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश की बैंच ने पूरे मामले में अंतिम सुनवाई 9 सितंबर को होगी. इससे पहले सिंगल बेंच में लगभग 287 अलग अलग याचिकाएं लगी थी, जिन पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने सभी याचिकाओं को एक साथ खारिज कर दिया था.
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रेडी टू ईट मामले में पहले भी याचिका हुई है खारिज: राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किए जाने वाले रेडी टू ईट को सेंट्रलाइज किए जाने का निर्णय लिया था. इसके खिलाफ करीब 287 अलग-अलग याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर हुई थी. सभी याचिकाओं में सिंगल बेंच एक साथ सुनवाई कर रहा था. सुनवाई पर सिंगल बेंच ने अंतिम फैसला 28 अप्रैल को सुनाया था. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सभी 287 याचिकाओं को एक साथ खारिज कर दिया था. इस मामले को लेकर लगभग 111 महिलाओं ने अब चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच में रिट अपील की है. डिवीजन बेंच ने यह अपील स्वीकार करते हुए 9 सितंबर को अंतिम बहस तय कर दी है.
क्या है पूरा मामला: राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को बांटे जाने वाले रेडी टू ईट को ऑटोमेटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया है. इसके तहत रेडी टू ईट वितरण के काम को केंद्रीकृत करने का फैसला लिया गया है. पहले इसे महिला स्व सहायता समूह किया करते थे. शासन के इस निर्णय के खिलाफ 5 महिला स्व सहायता समूहों ने जनहित याचिका दायर की थी. इसके साथ ही अलग-अलग स्व सहायता समूह की ओर से करीब 287 याचिकाएं दायर की गई थी.
कैबिनेट ने कब लिया था फैसला: राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं और बच्चों में वितरित किये जाने वाली रेडी टू ईट को ऑटोमैटिक मशीन से उत्पादन करने का निर्णय लिया था. सरकार ने 22 नवंबर 2021 को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी. शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार होगा और कुपोषित बच्चों और प्रसूताओं को हाइजीनिक आहार मिलेगा, जिससे उनके रेडी टू ईट लेने का उद्देश्य सार्थक हो सकेगा.
सरकार को कुछ समय राहत मिली थी: जहां सरकार को कुछ समय राहत मिली थी. वही फिर से मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है. रेडी टू इट मामले में 28 अप्रैल को सभी याचिकाएं एक साथ खारिज कर दिया गया था. जिसके बाद से सरकार को राहत मिली थी और रेडी टू ईट को सेंट्रलाइज करने की तैयारियां शुरू कर दी गई थी, लेकिन एक बार फिर सरकार को अपने काम रोकने पढ़ सकते हैं. क्योंकि कुछ ही महीनों के अंदर मामला फिर से हाई कोर्ट पहुंच गया है और मामला कोर्ट पहुंचने के बाद सारी चीजें रुक भी सकती है.