बिलासपुर: जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक (District Co operative Central Bank) में इन दिनों देश प्रेम का एक अलग ही नजारा दिख रहा है. बैंक में काम की शुरुआत ऐसे की जाती है जैसे मानो कर्मचारियों को देश प्रेम के साथ उनमें काम के प्रति ईमानदारी का जज़्बा भरा जा रहा है. बिलासपुर के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (District Co-operative Central Bank) में कर्मचारी राष्ट्रगान से अपना काम शुरू करते हैं. इस तरह से काम शुरू करने पर उनके अंदर काम के प्रति एक अलग ही जज़्बा रहता है और ईमानदारी से पूरे दिन काम किया जाता है जो अपने आप में पूरे देश और प्रदेश के लिए एक मिशाल है.
अक्सर देखा गया है कि स्कूलों को छोड़कर शासकीय, अशासकीय कार्यालयों में साल में केवल दो बार ही राष्ट्रगान गया जाता है और बाकि के दिन इस गान को लोग याद भी नहीं करते हैं. लेकिन बिलासपुर का जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक (District Co-operative Central Bank) एक मिशाल के रूप में उभरकर सामने आ रहा है. जहां रोजाना अधिकारी, कर्मचारी अपना काम शुरू करने से पहले राष्ट्रगान गाते हैं. सभी अधिकारी कर्मचारी अपने स्थान पर खड़े हो जाते हैं और एक धुन शुरू होती है जिसे सभी कर्मचारी उस धून पर राष्ट्रगान गाते हैं.
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बैंक के सभी कर्मचारी अधिकारी सुबह 10: 30 बजे कार्यालय में प्रवेश करते हैं और अपने अपने जगह पर पहुंच जाते हैं. इसके बाद ठीक 10. 45 बजे राष्ट्रिय धुन शुरू होती है और सभी कर्मचारी इसे गाते (Officer Employees Start Work by Singing National Anthem) हैं. इस तरह की पहल करने के पीछे के उद्देश्य के विषय में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर (District Co-operative Central Bank) के सीईओ प्रभात मिश्रा का कहना है कि इस तरह यदि रोजाना कर्मचारी राष्ट्रिय गान गाएंगे तो उनमें देशप्रेम का जज़्बा तो आएगा साथ ही ईमानदारी से अपना काम करेंगे. इसके आलावा उनमे काम को लेकर उत्साह रहेगा और भ्रष्चाटार पर भी लगाम लग सकेगा.
बैंक के अधिकारी कर्मचारी भी इस व्यवस्था से खुश है और वो इसे एक अच्छी पहल मानते हैं. उनके अनुसार जब तक देश को आगे बढ़ाने की चाह नहीं रहेगी व्यक्ति अपना काम सही ढंग से नहीं करेगा और इस व्यवस्था से काम को लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी उत्साहित रहते हैं. बैंक के अधिकारी ये भी कहते है कि इस तरह की व्यवस्था सभी कार्यालयों में शुरू करना चाहिए. जिससे कर्मचारियों में काम को लेकर ईमानदारी की भावना जगे और वह अपना काम ठीक तरह से करे.
इस व्यवस्था का परिणाम यह रहा कि सन 2010 तक बैंक घाटे में चल रही थी. बैंक की माली हालत ठीक नहीं थी और करोड़ो रूपए की वसूली बकाया थी. जिसकी मुख्य वजह कर्मचारियों की काम में लापरवाही थी. लेकिन जब से राष्ट्रगान से काम की शुरुआत हुई है तभी से कर्मचारी अपना काम बेहतर ढंग से कर रहे हैं और आज बैंक को घाटे की जगह फायदे आने लगे हैं. यदि इस प्रयास से बाकि के अन्य शासकीय कार्यालयों में ये व्यवस्था शुरू की जाएगी तो, हो सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का सपना देश को प्रगति पे ले जाने का ये सपना पूरा हो जाए और देश के सभी नागरिकों में देश प्रेम की भावना जाग जाए.