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Nurse Union Protest in CIMS: काम के बोझ से परेशान सिम्स स्टाफ नर्स की हड़ताल - सिम्स

काम का दोहरा बोझ बढ़ने और नर्स की कमी इसके अलावा नई भर्ती नहीं करने जैसे कई मुद्दों को लेकर सिम्स अस्पताल की नर्स स्टाफ हड़ताल पर चली गई है. सिम्स संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, बावजूद इसके सिम्स में स्टाफ नर्सों का भारी कमी है. सेटअप के लिहाज से आधे से भी कम स्टाफ नर्सों में सिम्स का संचालन किया जा रहा है. स्टाफ नर्सों की कमी का सीधा खामियाजा सिम्स की चिकित्सीय व्यस्वथा पर भी पड़ रहा है. bilaspur news

Nurse Union Protest in CIMS Bilaspur
CIMS बिलासपुर में नर्स यूनियन का प्रदर्शन
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Published : Feb 25, 2023, 7:44 AM IST

बिलासपुर: शासन नर्सों की नई भर्ती नहीं कर रहा है. जिससे अस्पताल में पदस्थ नर्सो पर काम का बोझ बढ़ने लगा है. इसे दूर करने की मांग को लेकर स्टाफ नर्स यूनियन दिन में 3 घंटे हड़ताल कर रहे है. बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स में स्टाफ नर्स हड़ताल पर चली गई है. सिम्स में लगभग साढ़े सात सौ बिस्तर है. मरीजों की संख्या अधिक और नर्स कुछ ही संख्या में है. कार्यरत स्टाफ के साथ नर्सो की कमी के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं. स्टाफ नर्सों की भर्ती की मांग सालों से की जा रही है. लेकिन भर्ती नही की जा रही है. इससे नाराज होकर यह हड़ताल किया जा रहा है. फिलहाल हड़ताल कुछ घंटे के लिए किया जा रहा है. लेकिन अब यूनियन के पदाधिकारी अपनी मांगों को मनवाने अभी सांकेतिक और बाद में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का मन बना रहे है.

आधे स्टाफ से बढ़ा दोहरे काम का बोझ: संभाग के मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए साढ़े सात सौ बेड के सिम्स अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. अस्पताल में स्टाफ नर्सों की भारी कमी है. वर्षों बाद भी सेटअप के लिहाज से सिम्स में स्टाफ नर्सों की भर्ती नहीं हो सकी है. सिम्स में 189 पद के सेटअप में केवल 54 नर्सें ही कार्यरत हैं. स्टाफ नर्सों की कमी का सीधा असर सिम्स में चिकित्सीय व्यवस्था पर पड़ रहा है. एक स्टाफ नर्स के जिम्मे तीन -चार वार्ड हैं, जिसमें भर्ती 30 से 40 मरीजों को एक स्टाफ नर्स को हैंडल करना पड़ रहा है. वर्क लोड के साथ मरीजों का प्रॉपर केयर भी नहीं हो पा रहा है. स्टाफ नर्सों की कमी से अब ड्यूटी कर रही नर्स भी परेशान हैं.

वर्क लोड बढ़ने और तीनों पालियों में उनसे काम लिए जाने से वो भी क्षुब्ध होने लगी है. स्टाफ नर्स इसे लेकर कई बार प्रबंधन से शिकायत कर चुकी हैं. लेकिन सेटअप बढ़ाने कोई पहल नहीं किया जा रहा है. अब एक बार फिर सिम्स की स्टाफ नर्स लामबंद हो गई हैं. स्टाफ नर्स भर्ती की मांग को लेकर उन्होंने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया.

यह भी पढ़ें: BJP Protest in bilaspur मोर जमीन मोर आवास को लेकर भाजपा का हल्ला बोल

मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप: हड़ताल कर रही नर्सो का कहना है वे स्टाफ नर्सों की कमी के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं. हड़ताली नर्स अमरज्योति और संदीप कौर ने कहा कि वर्क लोड के कारण पेसेंट केयर भी प्रॉपर नहीं हो पा रहा है. इधर, सिम्स के डीन केके सहारे भी मान रहे है कि, सेटअप के लिहाज से अस्पताल में स्टाफ नर्सों की बड़ी कमी है, लेकिन शासन स्तर पर स्टाफ नर्सों के भर्ती की कवायद शुरू की गई थी. लेकिन पहले व्यापम से भर्ती के निर्देश फिर आरक्षण का मामला विचाराधीन होने के कारण भर्ती का मामला अटक गया. अब कोशिश की जा रही है डेली वेजेस पर स्टाफ नर्सों की भर्ती कर इस कमी को दूर किया जाए, इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

बिलासपुर: शासन नर्सों की नई भर्ती नहीं कर रहा है. जिससे अस्पताल में पदस्थ नर्सो पर काम का बोझ बढ़ने लगा है. इसे दूर करने की मांग को लेकर स्टाफ नर्स यूनियन दिन में 3 घंटे हड़ताल कर रहे है. बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल सिम्स में स्टाफ नर्स हड़ताल पर चली गई है. सिम्स में लगभग साढ़े सात सौ बिस्तर है. मरीजों की संख्या अधिक और नर्स कुछ ही संख्या में है. कार्यरत स्टाफ के साथ नर्सो की कमी के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हैं. स्टाफ नर्सों की भर्ती की मांग सालों से की जा रही है. लेकिन भर्ती नही की जा रही है. इससे नाराज होकर यह हड़ताल किया जा रहा है. फिलहाल हड़ताल कुछ घंटे के लिए किया जा रहा है. लेकिन अब यूनियन के पदाधिकारी अपनी मांगों को मनवाने अभी सांकेतिक और बाद में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का मन बना रहे है.

आधे स्टाफ से बढ़ा दोहरे काम का बोझ: संभाग के मरीजों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए साढ़े सात सौ बेड के सिम्स अस्पताल का संचालन किया जा रहा है. अस्पताल में स्टाफ नर्सों की भारी कमी है. वर्षों बाद भी सेटअप के लिहाज से सिम्स में स्टाफ नर्सों की भर्ती नहीं हो सकी है. सिम्स में 189 पद के सेटअप में केवल 54 नर्सें ही कार्यरत हैं. स्टाफ नर्सों की कमी का सीधा असर सिम्स में चिकित्सीय व्यवस्था पर पड़ रहा है. एक स्टाफ नर्स के जिम्मे तीन -चार वार्ड हैं, जिसमें भर्ती 30 से 40 मरीजों को एक स्टाफ नर्स को हैंडल करना पड़ रहा है. वर्क लोड के साथ मरीजों का प्रॉपर केयर भी नहीं हो पा रहा है. स्टाफ नर्सों की कमी से अब ड्यूटी कर रही नर्स भी परेशान हैं.

वर्क लोड बढ़ने और तीनों पालियों में उनसे काम लिए जाने से वो भी क्षुब्ध होने लगी है. स्टाफ नर्स इसे लेकर कई बार प्रबंधन से शिकायत कर चुकी हैं. लेकिन सेटअप बढ़ाने कोई पहल नहीं किया जा रहा है. अब एक बार फिर सिम्स की स्टाफ नर्स लामबंद हो गई हैं. स्टाफ नर्स भर्ती की मांग को लेकर उन्होंने एक बार फिर आंदोलन शुरू कर दिया.

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मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप: हड़ताल कर रही नर्सो का कहना है वे स्टाफ नर्सों की कमी के कारण मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं. हड़ताली नर्स अमरज्योति और संदीप कौर ने कहा कि वर्क लोड के कारण पेसेंट केयर भी प्रॉपर नहीं हो पा रहा है. इधर, सिम्स के डीन केके सहारे भी मान रहे है कि, सेटअप के लिहाज से अस्पताल में स्टाफ नर्सों की बड़ी कमी है, लेकिन शासन स्तर पर स्टाफ नर्सों के भर्ती की कवायद शुरू की गई थी. लेकिन पहले व्यापम से भर्ती के निर्देश फिर आरक्षण का मामला विचाराधीन होने के कारण भर्ती का मामला अटक गया. अब कोशिश की जा रही है डेली वेजेस पर स्टाफ नर्सों की भर्ती कर इस कमी को दूर किया जाए, इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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