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बिलासपुर: पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से नोटिस

रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Oct 29, 2020, 9:56 PM IST

बिलासपुर: आईएएस अधिकारी डाॅक्टर आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग के मामले में लगी रिट याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत आलोक शुक्ला को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मामले में अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी.

बीजेपी नेता नरेश गुप्ता की ओर से लगाई गई इस रिट याचिका में डाॅ. शुक्ला की संविदा नियुक्ति को नियम के खिलाफ बताया गया है. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील की ओर से नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि संविदा भर्ती नियम के तहत संविदा नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए जाने का प्रावधान है, जबकि डाॅ. आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के पहले किसी तरह का विज्ञापन जारी नहीं किया गया था.

पढ़ें-भूमिहीन बुजुर्ग का मकान तोड़े जाने पर HC ने राज्य शासन से मांगा जवाब

यह भी कहा गया कि क्रिमिनल केस पेंडिंग होने पर संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही डाॅ. शुक्ला नान घोटाला मामले में अभियुक्त हैं और उनका नाम चार्जशीट में है. उनके खिलाफ ईडी की जांच भी जारी है. इसलिए प्रावधानों के तहत डाॅ.आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति दिया जाना नियम के खिलाफ है.

डॉ. शुक्ला संविदा के पद पर नियुक्त

डॉ. शुक्ला फिलहाल व्यापम और संसदीय कार्य विभाग समेत दो अन्य विभागों में संविदा के पद पर नियुक्त हैं. हालांकि पूरे मामले में इससे पहले दायर हुई याचिका जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने खारिज कर दी थी. जिसके बाद डिवीजन बेंच में अब याचिकाकर्ता की ओर से रिट अपील दायर की गई है. जिसपर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया गया है.

बिलासपुर: आईएएस अधिकारी डाॅक्टर आलोक शुक्ला की पोस्ट रिटायरमेंट पोस्टिंग के मामले में लगी रिट याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार समेत आलोक शुक्ला को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मामले में अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी.

बीजेपी नेता नरेश गुप्ता की ओर से लगाई गई इस रिट याचिका में डाॅ. शुक्ला की संविदा नियुक्ति को नियम के खिलाफ बताया गया है. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील की ओर से नियमों का हवाला देते हुए कहा गया है कि संविदा भर्ती नियम के तहत संविदा नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किए जाने का प्रावधान है, जबकि डाॅ. आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के पहले किसी तरह का विज्ञापन जारी नहीं किया गया था.

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यह भी कहा गया कि क्रिमिनल केस पेंडिंग होने पर संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती है. इसके साथ ही डाॅ. शुक्ला नान घोटाला मामले में अभियुक्त हैं और उनका नाम चार्जशीट में है. उनके खिलाफ ईडी की जांच भी जारी है. इसलिए प्रावधानों के तहत डाॅ.आलोक शुक्ला को संविदा नियुक्ति दिया जाना नियम के खिलाफ है.

डॉ. शुक्ला संविदा के पद पर नियुक्त

डॉ. शुक्ला फिलहाल व्यापम और संसदीय कार्य विभाग समेत दो अन्य विभागों में संविदा के पद पर नियुक्त हैं. हालांकि पूरे मामले में इससे पहले दायर हुई याचिका जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने खारिज कर दी थी. जिसके बाद डिवीजन बेंच में अब याचिकाकर्ता की ओर से रिट अपील दायर की गई है. जिसपर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया गया है.

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