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NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल का छठवां दिन, सेवाओं पर पड़ रहा असर

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Published : Sep 24, 2020, 9:38 PM IST

नियमितीकरण की मांग को लेकर NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल छठे दिन भी जारी रही. इसकी वजह से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है. लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

NHM Contract Health Employees Strike Impacting Services
NHM संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल का छठवां दिन

बिलासपुर: नियमितीकरण की मांग को लेकर NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल छठवें दिन भी जारी रही. पिछले 6 दिनों से कर्मचारी नियमितिकरण की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी इस मांग को नहीं मान रही है. दरअसल सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रही इस खींचतान के बीच कोरोना मरीज, संदेही और अन्य लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें होम आइसोलेशन में कोरोना से लड़ रहे मरीजों को दवाइयां नहीं पहुंच रही हैं. जांच सेंटरों में कर्मचारियों की कमी के कारण लोगों की जांच भी नहीं हो पा रही हैं. इसके अलावा 6 बजे मिलने वाली कोरोना पॉजिटिव की सूची अब रात 10 बजे मिल पा रही है. जिसके कारण समय पर कोरोना मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा होम आइसोलेशन के मरीज इलाज के लिए क्या करें उनके समझ से परे है.

पढ़ें: IPL सट्टा के 7 मास्टर माइंड सटोरिए गिरफ्तार, 11 करोड़ से ज्यादा की सट्टा-पट्टी जब्त

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि हम पहले ही सामूहिक इस्तीफा सौंप चुके हैं. ऐसे में जब तक हमारी नियमितीकरण की मांग पूरी नहीं होती, या फिर जब तक कोई ठोस आश्वासन सरकार नहीं देती है. हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे. इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा की इन दिनों हर कोई धरना आंदोलन कर रहा है. सरकार में आने के बाद कांग्रेस अपनी जन घोषणा पत्र को अमल नहीं कर रही है. सरकार को नेता प्रतिपक्ष ने नसीहत देते हुए कहा है कि इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी करने के बजाए बातचीत कर रास्ता निकालना चाहिए.

बिलासपुर: नियमितीकरण की मांग को लेकर NHM (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल छठवें दिन भी जारी रही. पिछले 6 दिनों से कर्मचारी नियमितिकरण की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं. लेकिन सरकार उनकी इस मांग को नहीं मान रही है. दरअसल सरकार और कर्मचारियों के बीच चल रही इस खींचतान के बीच कोरोना मरीज, संदेही और अन्य लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बता दें होम आइसोलेशन में कोरोना से लड़ रहे मरीजों को दवाइयां नहीं पहुंच रही हैं. जांच सेंटरों में कर्मचारियों की कमी के कारण लोगों की जांच भी नहीं हो पा रही हैं. इसके अलावा 6 बजे मिलने वाली कोरोना पॉजिटिव की सूची अब रात 10 बजे मिल पा रही है. जिसके कारण समय पर कोरोना मरीजों को अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया जा रहा है. इसके अलावा होम आइसोलेशन के मरीज इलाज के लिए क्या करें उनके समझ से परे है.

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संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का कहना है कि हम पहले ही सामूहिक इस्तीफा सौंप चुके हैं. ऐसे में जब तक हमारी नियमितीकरण की मांग पूरी नहीं होती, या फिर जब तक कोई ठोस आश्वासन सरकार नहीं देती है. हम काम पर वापस नहीं लौटेंगे. इस पूरे मामले में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा की इन दिनों हर कोई धरना आंदोलन कर रहा है. सरकार में आने के बाद कांग्रेस अपनी जन घोषणा पत्र को अमल नहीं कर रही है. सरकार को नेता प्रतिपक्ष ने नसीहत देते हुए कहा है कि इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी करने के बजाए बातचीत कर रास्ता निकालना चाहिए.

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