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नौकर की खुदकुशी के मामले में HC में सुनवाई, जोगी ने आरोपों को किया खारिज

नौकर को खुदकुशी के लिए उकसाने को लेकर दर्ज FIR के खिलाफ अजीत और अमित जोगी की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर HC ने सुनवाई करते हुए शासन से केस डायरी मांगी है.

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Published : Jan 29, 2020, 9:10 PM IST

बिलासपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मरवाही सदन में नौकर के फांसी लगाए जाने के मामले पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले में शासन से केस डायरी तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय हुई है.

वीडियो.

दरअसल, मृतक के परिजनों ने अजीत जोगी और अमित जोगी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. अपने ऊपर दर्ज FIR को निरस्त करने की मांग करते हुए अजीत जोगी और अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.

क्या है मामला

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बंगले मरवाही सदन में काम करने वाले नौकर संतोष कौशिक ने 15 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद मृतक के भाई कृष्ण कुमार और परिजनों ने अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. मृतक के भाई ने जोगी पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

कृष्ण कुमार और परिजनों ने जोगी परिवार पर आरोप लगाया था कि संतोष कौशिक को चोरी के नाम पर डराया धमकाया जा रहा था. उनका कहना था कि इस बात की सूचना संतोष ने अपनी पत्नी को भी दी थी.

जज ने किया था सुनवाई से इंकार
बीते दिनों जस्टिस संजय के. अग्रवाल की सिंगल बेंच में ये मामला लगा था, लेकिन निजी कारणों से उन्होंने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद मामले को चीफ जस्टिस ने आर.पी शर्मा की सिंगल बेंच में ट्रांसफर कर दिया था.

प्रताड़ना पर विपक्ष को जवाब

अजीत जोगी ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा है कि , जब नौकर ने आत्महत्या की तब हम घर में नहीं थे तो प्रताड़ना का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही नौकर के शरीर पर कोई चोट के निशान भी नहीं मिले हैं'.

बिलासपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मरवाही सदन में नौकर के फांसी लगाए जाने के मामले पर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले में शासन से केस डायरी तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय हुई है.

वीडियो.

दरअसल, मृतक के परिजनों ने अजीत जोगी और अमित जोगी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था. अपने ऊपर दर्ज FIR को निरस्त करने की मांग करते हुए अजीत जोगी और अमित जोगी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है.

क्या है मामला

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बंगले मरवाही सदन में काम करने वाले नौकर संतोष कौशिक ने 15 जनवरी को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद मृतक के भाई कृष्ण कुमार और परिजनों ने अजीत जोगी और अमित जोगी के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. मृतक के भाई ने जोगी पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.

कृष्ण कुमार और परिजनों ने जोगी परिवार पर आरोप लगाया था कि संतोष कौशिक को चोरी के नाम पर डराया धमकाया जा रहा था. उनका कहना था कि इस बात की सूचना संतोष ने अपनी पत्नी को भी दी थी.

जज ने किया था सुनवाई से इंकार
बीते दिनों जस्टिस संजय के. अग्रवाल की सिंगल बेंच में ये मामला लगा था, लेकिन निजी कारणों से उन्होंने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद मामले को चीफ जस्टिस ने आर.पी शर्मा की सिंगल बेंच में ट्रांसफर कर दिया था.

प्रताड़ना पर विपक्ष को जवाब

अजीत जोगी ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा है कि , जब नौकर ने आत्महत्या की तब हम घर में नहीं थे तो प्रताड़ना का सवाल ही नहीं उठता. साथ ही नौकर के शरीर पर कोई चोट के निशान भी नहीं मिले हैं'.

Intro:जोगी आवास में नौकर द्वारा फांसी लगाए जाने के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने मामले में शासन से केस डायरी तलब की है। मामले की अगली सुनवाई 11 फरवरी को तय हुई है। Body:बता दें कि बीते दिनों जोगी आवाज में काम करने वाले नौकर ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद मृतक के भाई ने अजीत जोगी अमित जोगी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई थी। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बंगले मरवाही सदन में नियुक्त केयरटेकर संतोष कौशिक उर्फ मनवा ने 15 जनवरी को फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के भाई कृष्ण कुमार और परिजनों ने जोगी परिवार पर आरोप लगाया था कि संतोष कौशिक को चोरी के नाम पर डराया धमकाया जा रहा था। इस बात की सूचना संतोष ने अपनी पत्नी को भी दी थी। मामले को लेकर अजीत जोगी अमित जोगी के खिलाफ मृतक के भाई ने एफआइआर भी दर्ज करा दी थी। हाईकोर्ट में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग करते हुए अजीत जोगी अमित जोगी ने याचिका प्रस्तुत की है जिस पर सुनवाई चल रही है। Conclusion:हालांकि बीते दिनों जस्टिस संजय. के .अग्रवाल की सिंगल बेंच में यह मामला लगा था लेकिन निजी कारणों से उन्होंने इस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद मामले को चीफ जस्टिस द्वारा आर.पी शर्मा की सिंगल बेंच में ट्रांसफर कर दिया गया है।
Byte- ajit jogi
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