जीपीएम: मरवाही वन मंडल में हुए नेचर कैंप घोटाले में वन रक्षक के बाद अब तीन डिप्टी रेंजर पर निलंबन की कार्रवाई की गई है. मामले में जांच के बाद मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर सर्किल ने तत्काल मरवाही वन मंडल में बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन डिप्टी रेंजरों को निलंबित कर दिया है. वन अधिकारियों पर एक्शन के बाद मामले में अभी और लोगों पर भी कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं.
घोटाले में सबसे पहले बीट गार्ड पर गिरी थी गाज: मरवाही वनमंडल में स्थित नेचर कैंप में हुए घोटाले में पहले बीट गार्ड सुनील चौधरी को निलबिंत कर दिया गया. इसके बाद अब मरवाही वन मंडल में पदस्थ तीन डिप्टी रेंजरों पर भी निलबंन की कार्रवाई की गई है. मरवाही वन मंडल में पदस्थ डिप्टी रेंजर इंद्रजीत सिंह कंवर उपवनक्षेत्रपाल मरवाही, अश्वनी कुमार दुबे वनपाल परिक्षेत्र सहायक मरवाही, द्वारिका प्रसाद रजक वनपाल परिसर रक्षक ऐंठी की संलिप्तता पाते हुए मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर सर्किल ने कार्रवाई करते हुए निलंबित किया है.
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योजना में फर्जीवाड़ा कर निकाली गई थी राशि: फर्जीगिरी का मामला मरवाही के नेचर कैंप और साल्हेकोटा वन प्रबंधन समिति से जुड़ा था. यहां मरवाही रेंज के साल्हेकोटा वनप्रबंधन समिति अंतर्गत आने वाले नेचर कैंप गगनई में नेचर कैम्प प्रबंधन समिति जामवंत माड़ा गगनई के नाम से फर्जी वनसमिति गठित कर लाखों रुपए की राशि निकाल ली गई थी. मामले में मुख्य वन संरक्षक बिलासपुर द्वारा त्रिस्तरीय जांच दल गठित की गई थी.
10 लोग पाए गए हैं दोषी, 4 पर कार्रवाई: कमेटी की जांच में दोषी पाए दस अधिकारियों कर्मचारियों में से चार लोगों पर कार्रवाई की जा चुकी है. अब आगे की कार्रवाई के लिए वनमंडलाधिकारी द्वारा आरोप पत्र जारी कर दिया गया है. वही अन्य आरोपियों पर जल्द ही कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. मामले में घोटाले का सरगना फर्जी समिति का अध्यक्ष मूलचंद कोटे तत्कालीन रेंजर, प्रभारी डीएफओ संजय त्रिपाठी, रेंजर दरोगा सिंह मरावी और एचडीएफसी के शाखा प्रबंधक पर कार्रवाई लंबित है.