बिलासपुर : मुंगेली नगरपालिका परिषद (Mungeli Municipal Council) में षड्यंत्र व धोखाधड़ी कर शासकीय राशि के गबन (embezzlement of government funds) करने के आरोपित अध्यक्ष, सीएमओ सहित अन्य आरोपितों की अग्रिम जमानत अर्जी (anticipatory bail application) को हाई कोर्ट (High Court) ने खारिज कर दिया है. मुंगेली नगर पालिका में नाली निर्माण सहित अन्य कार्यों में अनियमितता बरतने की शिकायत की गई थी.
नगरपालिका मुंगेली में नाली निर्माण सहित कई विकास कार्यों में भ्रष्टाचार को लेकर मुंगेली कलेक्टर ने एडीएम को मामले की जांच का आदेश दिया था. उनके निर्देश पर एसडीएम ने जांच कर कलेक्टर को रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. जांच में नगरपालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीएमओ) द्वारा षड्यंत्र कर ठेकेदार से मिलीभगत कर नाली निर्माण की राशि में गबन की पुष्टि हुई. निर्माण किये बिना ही राशि निकाल ली गई थी. एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के लिए पुलिस को प्रतिवेदन भेज दिया. इसके बाद 20 जुलाई 2021 को सिटी कोतवाली पुलिस ने नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, सीएमओ विकास पाटले, जोयस तिग्गा, सियाराम साहू, आनंद निषाद के साथ ही सोफिया कंस्ट्रक्शन के संचालक ठेकेदार वसीम खान के खिलाफ धारा 120बी, 420, 409, 467, 468, 471 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया.
मामला दर्ज होने के बाद से फरार हैं आरोपित
इसके बाद से सभी आरोपित फरार हैं. आरोपित संतु सोनकर ने कलेक्टर के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया. फिर आरोपित संतुलाल सोनकर, सियाराम साहू और सोफिया कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार ठेकेदार वसीम खान ने निचली अदालत में अग्रिम जमानत आवेदन प्रस्तुत किया. इसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया. इसके बाद आरोपितों ने अग्रिम जमानत के लिए हाई कोर्ट की शरण ली. इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पीपी साहू ने आरोपितों की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.