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मुंगेली: 40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित

मुंगेली: कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए मुंगेली जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत पौष्टिक और गर्म भोजन दिया जा रहा है. डीएमएफ से दिए जा रहे पोषण आहार से कुपोषण और एनिमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम को लेकर काम चल रहा है. इसके तहत चिन्हांकित बच्चों और महिलाओं को भरपेट पोषण आहार दिया जा रहा है.

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40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित
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Published : Nov 26, 2019, 9:58 PM IST

Updated : Nov 26, 2019, 11:45 PM IST

मुंगेली: जिले में कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए 1071 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 81 केंद्रों में सप्ताह में 3 दिन अंडा और केला पौष्टिक भोजन के रूप में दिया जा रहा है. सरकार ने ये व्यवस्था जिलों के डीएमएफ से की है. इसके तहत मुंगेली जिले के 81 केंद्रों का संचालन डीएमएफ से किया जा रहा है. ये सभी केंद्र जिले के खनन क्षेत्र में ही हैं.

40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित

मुंगेली कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के मुताबिक जिले में 10 बच्चे कुपोषण और 40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं. जिन्हे चिन्हांकित कर पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. कलेक्टर के मुताबिक सभी सेक्टर्स का समय-समय पर जांच कर कुपोषण दर में कमी लाने का दार्गेट भी अधिकारियों को दिया गया है.

नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पांच साल से कम उम्र के 37.60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. वहीं 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत युवती और महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. जिसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की है.

मुंगेली: जिले में कुपोषण और एनिमिया से बचाव के लिए 1071 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 81 केंद्रों में सप्ताह में 3 दिन अंडा और केला पौष्टिक भोजन के रूप में दिया जा रहा है. सरकार ने ये व्यवस्था जिलों के डीएमएफ से की है. इसके तहत मुंगेली जिले के 81 केंद्रों का संचालन डीएमएफ से किया जा रहा है. ये सभी केंद्र जिले के खनन क्षेत्र में ही हैं.

40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित

मुंगेली कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के मुताबिक जिले में 10 बच्चे कुपोषण और 40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित हैं. जिन्हे चिन्हांकित कर पौष्टिक आहार दिया जा रहा है. कलेक्टर के मुताबिक सभी सेक्टर्स का समय-समय पर जांच कर कुपोषण दर में कमी लाने का दार्गेट भी अधिकारियों को दिया गया है.

नीति आयोग के आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में पांच साल से कम उम्र के 37.60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. वहीं 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत युवती और महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं. जिसे दूर करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की है.

Intro:मुंगेली- कुपोषण औऱ एनिमिया से बचाव के लिए मुंगेली जिलें में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत पौष्टिक और गर्म भोजन देनें का काम किया जा रहा है। डीएमएफ से दिये जा रहे पोषण आहार से कुपोषण औऱ एनिमिया जैसी बीमारियों की रोकथाम को लेकर जमकर काम चल रहा है। इसके तहत चिन्हांकित बच्चों और महिलाओं को भरपेट पोषण आहार दिया जा रहा है। Body:मुंगेली जिले में कुपोषण औऱ एनिमिया से बचाव के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत पौष्टिक भोजन देनें का काम शुुरु कर दिया गया है। इसके तहत मुंगेली जिले के 1071 आंगनबाड़ी केंद्रो में से 81 केंद्रो में सप्ताह में 3 दिन अंडा और केले पौष्टिक भोजन के तौर पर दिये जा रहे हैं। सरकार नें ये व्यवस्था जिलों के डीएमएफ से की है। जिसके तहत मुंगेली जिले के 81 केंद्रों का चयन डीएमएफ के लिए किया गया है। ये सारे केंद्र माइनिंग एरिया में स्थित है। वहीं मुंगेली कलेक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे के मुताबिक जिले में लगभग 10 बच्चे कुपोषण के जबकि लगभग 40 हजार महिलाएं एनिमिया से पीड़ित है। जिन्हे चिंहांकित कर पौष्टिक और गरम आहार देनें का काम किया जा रहा है। कलेक्टर के मुताबिक सभी सेक्टर्स का समय-समय पर जांच करके कुपोषण की दरों में कमी लानें के टारगेट दिये गये हैं। जिसको लेकर लगातार जिले में काम किया जा रहा है। Conclusion:हम आपकों बता दें कि नीति आयोग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार राज्य में पांच साल से कम उम्र के 37.60 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से तथा 15 से 49 वर्ष की 41.50 प्रतिशत बेटियां और माताएं एनीमिया से पीड़ित हैं। जिसको दूर करनें के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नें मुख्यमंत्री सुपोषण योजना की शुरुआत की है।

बाइट-1-सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे (कलेक्टर मुंगेली)

रिपोर्ट-शशांक दुबे,ईटीवी भारत मुंगेली
Last Updated : Nov 26, 2019, 11:45 PM IST
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