ETV Bharat / state

3 साल की सजा काटने के बाद मां-बेटी को हाईकोर्ट ने किया बरी

सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में हाईकोर्ट ने 3 साल से सजा काट रही रंजना और उसकी मां को रिहा करने का आदेश दिया है.

bilaspur highcourt
हाईकोर्ट बिलासपुर
author img

By

Published : Feb 7, 2020, 9:39 PM IST

Updated : Feb 7, 2020, 10:25 PM IST

बिलासपुर : सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में 3 साल तक सजा भुगतने के बाद रंजना और उसकी मां को हाईकोर्ट ने दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने 5 साल तक प्रकरण की सुनवाई की और लगभग 3 साल की सजा के बाद दोनों को रिहा कर दिया है.

दरअसल, सकरी निवासी आरती पांडे ने 21 फरवरी 2012 को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मामले में चकरभाटा पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की. इसी दौरान मृतका के परिजनों ने सुसाइड नोट बरामद कर पुलिस को सौंपा था. इसके आधार पर पुलिस ने मृतका की भाभी रंजना पांडे और उसकी मां सुलोचना तिवारी, बंसीलाल तिवारी को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था.

हाईकोर्ट बिलासपुर

सुसाइड नोट में मृतका की अश्लील सीडी बनाकर उसे प्रताड़ित करने की बात लिखी हुई थी. सुसाइड नोट के आधार पर जिला सत्र न्यायाधीश ने दोनों को दोषी मानते हुए मां-बेटी को 7 -7 साल सश्रम कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी, वहीं रंजना के पिता को दोषमुक्त कर दिया गया था.

कोर्ट फैसले के खिलाफ रंजना पांडे ने 2015 में हाईकोर्ट में अपील की थी. मामले की पैरवी करते हुए उनके अधिवक्ता ने कहा कि सुसाइड नोट में तिथि और साल का उल्लेख नहीं किया गया था. साथ ही घटना के 7 दिन बाद परिजनों ने पुलिस को सुसाइड नोट दिया गया था, वहीं अश्लील सीडी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी. इस पर हाईकोर्ट ने आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है.

बिलासपुर : सुसाइड के लिए उकसाने के मामले में 3 साल तक सजा भुगतने के बाद रंजना और उसकी मां को हाईकोर्ट ने दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने 5 साल तक प्रकरण की सुनवाई की और लगभग 3 साल की सजा के बाद दोनों को रिहा कर दिया है.

दरअसल, सकरी निवासी आरती पांडे ने 21 फरवरी 2012 को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मामले में चकरभाटा पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की. इसी दौरान मृतका के परिजनों ने सुसाइड नोट बरामद कर पुलिस को सौंपा था. इसके आधार पर पुलिस ने मृतका की भाभी रंजना पांडे और उसकी मां सुलोचना तिवारी, बंसीलाल तिवारी को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था.

हाईकोर्ट बिलासपुर

सुसाइड नोट में मृतका की अश्लील सीडी बनाकर उसे प्रताड़ित करने की बात लिखी हुई थी. सुसाइड नोट के आधार पर जिला सत्र न्यायाधीश ने दोनों को दोषी मानते हुए मां-बेटी को 7 -7 साल सश्रम कारावास और एक हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई थी, वहीं रंजना के पिता को दोषमुक्त कर दिया गया था.

कोर्ट फैसले के खिलाफ रंजना पांडे ने 2015 में हाईकोर्ट में अपील की थी. मामले की पैरवी करते हुए उनके अधिवक्ता ने कहा कि सुसाइड नोट में तिथि और साल का उल्लेख नहीं किया गया था. साथ ही घटना के 7 दिन बाद परिजनों ने पुलिस को सुसाइड नोट दिया गया था, वहीं अश्लील सीडी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी. इस पर हाईकोर्ट ने आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है.

Intro:हाईकोर्ट ने 5 वर्ष तक प्रकरण की सुनवाई व 3:30 साल सजा भुगतने के बाद आरोपियों को दोषमुक्त करार देते हुए रिहा करने का आदेश दिया है। जस्टिस आरती शर्मा की सिंगल बेंच निरंजना बनाम राज्य शासन की अपील पर अपना यह फैसला सुनाया है।Body:बता दें कि सकरी निवासी आरती पांडे ने 21 फरवरी 2012 को अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। चकरभाटा पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू की। इसी दौरान मृतिका के परिजनों ने सुसाइड नोट बरामद कर पुलिस को सौंपा था। इसके आधार पर पुलिस ने मृतका की भाभी रंजना पांडे उसकी मां सुलोचना तिवारी व बंसीलाल तिवारी को आरोपी बनाया था।आरोप लगाया गया कि इन लोगों ने मृतिका की अश्लील सीडी बना ली थी जिससे प्रताड़ित होकर उसने आत्महत्या कर ली थी। जिला सत्र न्यायाधीश ने सुसाइड नोट के आधार पर मां-बेटी को 7 -7साल सश्रम कारावास व ₹1000 अर्थदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने वही रंजना के पिता कुबेर तिवारी वह बड़े पिता बंसीलाल तिवारी को दोष मुक्त करा दिया। Conclusion:जिला सत्र न्यायालय के फैसले के खिलाफ रंजना पांडे ने 2015 को हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले की पैरवी करते हुए उनके अधिवक्ता ने कहा कि सुसाइड नोट में तिथि व साल का उल्लेख नहीं किया गया था साथ ही इसे घटना के 7 दिन बाद परिजनों ने पुलिस को दिया। वही अश्लील सीडी को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस पर हाईकोर्ट ने आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया है।
Last Updated : Feb 7, 2020, 10:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.