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CIMS के कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म कराने पहुंचे विधायक शैलेष पांडेय, नहीं बनी बात

सिम्स मेडिकल कॉलेज (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences) के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 29वें दिन भी हड़ताल जारी रखा है. इनके मांगों पर सरकार और अस्पताल प्रशासन अनदेखी कर रहा है. इन सबके बीच नगर विधायक शैलेश पांडे (MLA Shailesh Pandey) हड़तालियों को समझाने और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने धरना स्थल पर पहुंचे. लेकिन हड़ताली कर्मचारी अपने मांगों पर अड़े हैं.

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Published : Sep 20, 2021, 8:14 PM IST

cims employees
सिम्स कर्मचारयों के बीच पहुंचे विधायक शैलेष पांडेय

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences) के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 29 वें दिन भी हड़ताल जारी रखा. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से जहां चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. तो वहीं अब शासन के माथे पर भी पसीने छूट रहे हैं. शहर के विधायक शैलेश पांडे (MLA Shailesh Pandey) हड़तालियों को समझाने और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने धरना स्थल पहुंचे. हड़ताल खत्म करने का बार-बार आग्रह करते रहे. बावजूद इसके कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें लिखित में दिया जाए. तब यह हड़ताल खत्म करेंगे.

सिम्स कर्मचारयों के बीच पहुंचे विधायक शैलेष पांडेय


विधायक का प्रयास हुआ असफल
सिम्स मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के हड़ताल चले जाने से अस्पताल में इलाज की व्यवस्था चरमरा गई है. अस्पताल में भर्ती मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने सिम्स मेडिकल कॉलेज की डीन को रायपुर तलब कर पूरी जानकारी ली और कहा कि कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करने का प्रयास करें और कैसे भी कर उन्हें वापस बुलाया जाए.कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे हड़ताली कर्मचारियों के बीच धरना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज है और शासन से पूरा भी करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाला होने की वजह से मामले की जांच चल रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं हो पाएगी.

कर्मचारी मांग पर अड़े
इधर हड़ताली कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा कराने की जिद पर अड़े हुए हैं. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अगर उन्हें हड़ताल खत्म करवाना है तो आश्वासन नहीं लिखित में दस्तावेज चाहिए. जिससे आने वाले समय में एक बार फिर उनके साथ छलावा ना हो.

मरीज हो रहे परेशान
सिम्स प्रबंधन और हड़तालियों के बीच चल रही रस्साकशी में मरीज पिस रहे. उन्हें ना तो बेहतर सुविधा मिल पा रही है और ना ही उनके पास इतने पैसे हैं कि वे निजी अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सकें. 1 महीने बीतने को हैं, लेकिन अब भी शासन-प्रशासन हड़ताल को लेकर गंभीर है.

बिलासपुर: सिम्स मेडिकल कॉलेज (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences) के तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर 29 वें दिन भी हड़ताल जारी रखा. कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से जहां चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है. तो वहीं अब शासन के माथे पर भी पसीने छूट रहे हैं. शहर के विधायक शैलेश पांडे (MLA Shailesh Pandey) हड़तालियों को समझाने और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने धरना स्थल पहुंचे. हड़ताल खत्म करने का बार-बार आग्रह करते रहे. बावजूद इसके कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें लिखित में दिया जाए. तब यह हड़ताल खत्म करेंगे.

सिम्स कर्मचारयों के बीच पहुंचे विधायक शैलेष पांडेय


विधायक का प्रयास हुआ असफल
सिम्स मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों के हड़ताल चले जाने से अस्पताल में इलाज की व्यवस्था चरमरा गई है. अस्पताल में भर्ती मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा है. पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने भी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने सिम्स मेडिकल कॉलेज की डीन को रायपुर तलब कर पूरी जानकारी ली और कहा कि कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा करने का प्रयास करें और कैसे भी कर उन्हें वापस बुलाया जाए.कांग्रेस विधायक शैलेश पांडे हड़ताली कर्मचारियों के बीच धरना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज है और शासन से पूरा भी करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भर्ती घोटाला होने की वजह से मामले की जांच चल रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक कर्मचारियों की मांगें पूरी नहीं हो पाएगी.

कर्मचारी मांग पर अड़े
इधर हड़ताली कर्मचारी अपनी मांगों को पूरा कराने की जिद पर अड़े हुए हैं. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अगर उन्हें हड़ताल खत्म करवाना है तो आश्वासन नहीं लिखित में दस्तावेज चाहिए. जिससे आने वाले समय में एक बार फिर उनके साथ छलावा ना हो.

मरीज हो रहे परेशान
सिम्स प्रबंधन और हड़तालियों के बीच चल रही रस्साकशी में मरीज पिस रहे. उन्हें ना तो बेहतर सुविधा मिल पा रही है और ना ही उनके पास इतने पैसे हैं कि वे निजी अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सकें. 1 महीने बीतने को हैं, लेकिन अब भी शासन-प्रशासन हड़ताल को लेकर गंभीर है.

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