बिलासपुर : डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी आपको अंदर ही अंदर खोखला कर सकती है. समय रहते डायबिटीज का इलाज नहीं किया गया तो यह आपके जीवन के लिए खतरा भी हो सकता है. भारत को डायबिटीज की राजधानी भी कहा जाने लगा है. पूरे देश में लगभग 20 करोड़ लोग डायबिटीज के मरीज हैं. पूरी दुनिया की यदि बात की जाए तो सबसे ज्यादा डायबिटीज के मरीज भारत में ही पाए जाते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट ? : डायबिटीज कंट्रोल करने के साथ ही शरीर से डायबिटीज की बीमारी खत्म करने बिलासपुर के मशहूर डॉक्टर प्रवीण कालविट कहते हैं कि चावल खाने छोड़ने से शुगर की बीमारी खत्म नहीं होती. बल्कि ऐसे चावल खाएं जिसमें शुगर की मात्रा कम हो. इसके अलावा दाल, लाल चावल जिनमे लाल रंग जैसे दाग होते है और सबसे अच्छा मिलेट्स का ज्यादा उपयोग करना चाहिए. पहले इन चीजों को खाकर लोग हेल्दी तो रहते थे ही साथ ही शुगर की बीमारी उन्हें नहीं घेरती थी.
क्यों बढ़ रहे हैं मरीज ? : डॉक्टर की माने तो लोग धीरे-धीरे ज्यादा रिफाइन चीजों का खान-पान में उपयोग करने लगे और यही कारण है कि लोग शुगर की बीमारी से ग्रसित होने पर इससे बाहर नहीं आ पाए. कम रिफाइंड वाली खाद्य सामग्री का इस्तेमाल करे जैसे मोटा तेल, बिना पॉलिश का चावल और हो सके तो मोटे चावल जिनमें लाल भूरापन हो. इन खाद्य पदार्थों के उपयोग से शुगर की बीमारी को खत्म किया जा सकता है.
पॉल्यूशन से भी शुगर का खतरा : डॉ प्रवीण कालविट कहते हैं पॉल्यूशन भी मधुमेह की बीमारी होने का एक कारण बनता है. हम जहां रहते हैं वहां आसपास वातावरण में पॉल्यूशन ज्यादा होता है. गाड़ियों के धुएं के साथ ही चिमनियों से निकलने वाले धुएं और कई तरह के प्रदूषण फैलाने वाले मशीनों के धुएं की वजह से शुगर की बीमारी होती है. शरीर में इससे लड़ने वाले अच्छे वायरस धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं और इससे शुगर की बीमारी होती है.
''शरीर का इंसुलिन जब कमजोर होता हैं तो शुगर अधिक मात्रा में बढ़ने लगता है. व्यक्ति जब एक्सरसाइज, योगा या शारीरिक मेहनत का काम नहीं करता है तो शरीर में शुगर और फैट जमा होने लगता है. फैट की वजह से शरीर मोटा होने लगता है और शुगर शरीर के नसों और खून में परेशानी खड़ा करता है.'' प्रवीण कालविट,डॉक्टर
शुगर कंट्रोल नहीं होने पर ये शरीर में फैलता है. जिससे आंखों के पुतलियों में पर्दा बन जाता है.आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है. शुगर अत्यधिक मात्रा में बढ़ाने की वजह से कई नई नसें बनती हैं.जिनमें खून बहता है और आखिर में नसें फट जाती है. जिससे आंखों की रोशनी जा सकती है. इसलिए हमें पॉल्यूशन खत्म करने का प्रयास करना चाहिए.अपने आसपास पेड़ पौधे लगाने चाहिए. जिससे शुद्ध हवा मिल सके.