बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कर रही है. बिल्हा क्षेत्र में लगभग 14 सोसायटीयों में खरीदी का क्रम 15 दिसंबर से शुरू है. इस बार धान खरीदी केंद्रों से धान का सीधा उठाव राइस मिलर कर रहे हैं. फिलहाल यह कार्य थोड़ी धीमी गति से चल रहा है.
कोविड-19 के चलते धान खरीदी केंद्रों में नए तरीके की व्यवस्था की गई है. सामाजिक दूरी, मास्क की अनिवार्यता के साथ-साथ किसानों को सैनिटाइज करने की शर्त भी रखी गई है. इसके मद्देनजर सोसाइटी में सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है. खरीदे गए धान के रखरखाव के लिए पंचायत की ओर से मनरेगा के तहत मौके पर चबूतरों का निर्माण भी किया गया है. जहां खरीदे गए धान को सहेजने का काम चल रहा है.
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आवक अधिक होने से खरीदी केंद्रों में रखरखाव को लेकर समस्या भी सामने आने लगी है. क्षेत्र के ओपन संग्रहण केंद्र में धान को संग्रहित करने भेजा जाता है. मगर इस बार बिल्हा के ओपन संग्रहण केंद्र में जगह नहीं है. दरअसल, विपणन के संग्रहण केंद्र में पिछले दो-तीन वर्षों से जाम पड़े धान के चलते समस्या सामने आ गई है. अब खरीदी केंद्र में नए सत्र की खरीद से आए धान को रखरखाव में दिक्कत होगी.
प्रशासनिक अधिकारी बनाए हुए हैं नजर
हालांकि विपणन विभाग ने खरीदी केंद्र से धान के सीधे उठाव को लेकर पहल की है. इसके लिए राइस मिलरों को निर्देश मिलते ही डीओ काटने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. प्रत्येक खरीदी केंद्रों से धान का सीधा उठाव राइस मिलर कर रहे हैं. हालांकि उठाव की गति धीमी है. मगर इस ओर आला अधिकारी प्रयास करें तो परिवहन और उठाव से खरीदी केंद्र की समस्या दूर हो जाएगी और धान के खराब होने की आशंका नहीं रहेगी. मगर ऐसा कुछ फिलहाल नजर नहीं आ रहा है. धान के जाम रहने और संग्रहण केंद्र में पिछले बकाया धाम से बड़े नुकसान की आशंका भी साफ नजर आ रही है. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी धान के उठाव को लेकर नजर बनाए हुए हैं.