बिलासपुर: मस्तूरी में छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनावी घमासान काफी रोचक रहा है. यहां बीजेपी के डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी और कांग्रेस के दिलीप लहरिया के बीच चुनावी मुकाबला देखने को मिला. कृष्णमूर्ति बांधी यहां से सिटिंग एमएलए थे. जबकि कांग्रेस ने दिलीप लहरिया पर भरोसा जताते हुए उन्हें चुनावी मैदान में उतारा. इस सीट पर दिलीप लहरिया को जीत मिली है.
मस्तूरी सीट पर किन मुद्दों पर लड़ा गया चुनाव: मस्तूरी विधानसभा सीट एससी कोटे के लिए आरक्षित सीट है. यहां पर बड़ी संख्या में एससी समाज के लोग निवास करते हैं. मस्तूरी में पूरे पांच साल धर्मांतरण का मुद्दा हावी रहा. इस क्षेत्र में नए प्रार्थना घर बनने का मामला भी तूल पकड़ता रहा. बीजेपी की तरफ से धर्मांतरण के मुद्दे को लगातार तूल दिया जाता रहा. कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों ने इस क्षेत्र में धर्मांतरण रोकने की बात कही थी. इसी मुद्दे पर यहां चुनावी दंगल देखने को मिला.
इसके अलावा मस्तूरी क्षेत्र में सिंचाई और उद्योग का मुद्दा भी हावी रहा. यहां खूटाघाट बांध का पानी एनटीपीसी को दिए जाने का मामला गरमाता रहा. इसके अलावा यहां के किसानों की सबसे बड़ी समस्या एनटीपीसी के राख से होने वाली परेशानी की है. इस राख की वजह से यहां के किसानों का खेत बंजर होता जा रहा है.
मस्तूरी सीट पर 2018 सीजी चुनाव के नतीजे क्या रहे: मस्तूरी सीट पर साल 2018 में बीजेपी की तरफ से डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी ने चुनाव लड़ा था. जिसमें उन्होंने बीएसपी के जयेंद्र सिंह को पटखनी दी थी.