गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मरवाही उपचुनाव को चुनौती बताया है. उन्होंने कहा कि मरवाही उपचुनाव चुनौती है, जिसके लिए संगठन को बूथ लेवल तक मजबूत किया जा रहा है. अजीत जोगी के निधन के बाद खाली हुई मरवाही विधानसभा सीट पर आने वाले दिनों में उपचुनाव होना है. मरकाम ने तीनों ब्लाकों में अलग-अलग कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं और रणनीति बना रहे हैं.
मोहन मरकाम ने कहा कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव और उसके परिणामों की समीक्षा के बाद संगठन को बूथ स्तर पर मजबूत करना है. उपचुनाव में कांग्रेस से लड़ने वाले प्रत्याशियों की लिस्ट लंबी होने पर उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में टिकट मांगने वाले असंतुष्ट लोगों को निगम एवं मंडलों में पद देकर संतुष्ट किया जाएगा. छत्तीसगढ़ में जल्द ही निगम-मंडल में नियुक्तियां होनी हैं. प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया भी प्रदेश में हैं.
झीरम हमले की जांच पर उठाए सवाल
मोहन मरकाम ने झीरम कांड को सुपारी किलिंग का मामला बताया है. मोहन मरकाम का कहना है कि केंद्र सरकार झीरम कांड के आरोपियों को बचाना चाह रही है. कांग्रेस झीरम हमले की जांच को लेकर लगातार सवाल उठाती रही है. सोमवार को भी झीरम अटैक को लेकर बीजेपी-कांग्रेस आमने-सामने रहे. मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और शिव डहरिया सहित कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने झीरम मामले को लेकर केंद्र सरकार पर कई संगीन आरोप लगाए साथ ही उन्होंने पूर्व की रमन सरकार पर भी झीरम हमले की सत्यता छिपाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने सवाल पूछा कि NIA किसके इशारे पर काम कर रही है? हम मान कर चलते हैं जिनकी सरकार केंद्र में है उन्हीं के इशारे पर NIA काम कर रही है.
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इस पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि NIA जैसी देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी के ऊपर आरोप लगाना सरासर गलत है. इस तरह की एजेंसी किसी भी घटना की जांच प्रोफेशनल तरीके से करती है. अगर आपके पास इस घटना से संबंधित कोई सबूत या जानकारी देना चाहते है, तो NIA को या न्यायिक जांच आयोग को सौंप सकते हैं.