बिलासपुर : कोटा से बिलासपुर को जोड़ने वाली सभी सड़कों पर बारिश की वजह से यातायात बंद हो गया है. भारी बारिश के कारण जिले के सभी नदी-नाले उफान पर हैं. वहीं कई लोगों के घरों में पानी घुसने लगा, तो कईयों के घरों की दीवार भी गिर गई है. जानकारी के मुताबिक तखतपुर से लोरमी को जोड़ने वाली सड़क के बीच मौजूद चुलघट गांव का पुल भी टूटा गया, वहीं तखतपुर मुंगेली मनियारी नदी का पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है. हालांकि हादसे में किसी की हताहत होने की खबर नहीं है.
लगातार हो रही बारिश के कारण बिलासपुर, मुंगेली और कोटा को जोड़ने वाले सभी रास्ते लगभग बंद हो गए हैं. तखतपुर नगर से जुड़ा मनियारी पुल भी लगभग डूब ही गया है, जिसके बाद पुल को प्रसासन ने बंद करा दिया है. इसके अलावा खपरी पुल भी डूबने की स्थिति में है. बता दें कि काठाकोनी पुल पर करीब पांच फिट ऊपर तक पानी बहने लगा है, जिसके वजह से यातायात को बंद कर दिया गया है.
घंटों तक फंसे रहे लोग
सैकड़ों लोग तखतपुर से बिलासपुर जाने वाले रास्ते में कई घंटों तक फंसे रहे. बता दें कि बिलासपुर के ऊपरी क्षेत्र में लगातार बारिश हो रही है. मंगलवार की रात को झमाझम बारिश हुई है, जिसकी वजह से तखतपुर मनियारी नदी उफान पर है. इसके अलावा चोरमा और पकरिया जाने वाले पुल में भी पानी ज्यादा होने के कारण यातायात बंद कर दिया गया है. तखतपुर और बेलपान के आस-पास के रोड भी बंद कर दिए गया है.
लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत
भारी बारिश के कारण तखतपुर में पानी बढ़ता जा रहा है. अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो कुछ समय बाद पुल दिखाई भी नहीं देंगे. बता दें कि तखतपुर के चारों ओर पानी ही पानी भरा हुआ है, जिसे देख कर ऐसा लग रहा है मानों वो गांव नहीं कोई नदी है. अगर इसी तरह लगातार बारिश होती रही तो आने वाला समय काफी डरावना हो सकता है. फिलहाल लोगों को एहतियात रखने की सख्त्त जरूरत है, ताकि कोई बड़ी घटना न हो.
मनियारी नदी के किनारे बसे गांव हुए प्रभावित
तखतपुर और मनियारी नर्मदा जैसी बड़ी नदियों के कारण पानी-पानी हो गया है. नर्मदा नदी के कारण मनियारी के किनारे बसा गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. वहीं बेलसरी, बरेला, सूरीघाट, लोधीपारा, चुलघट, करनकापा और खम्हरिया गांव में रहने वाले लोगों के घरों में पानी घुसने लगा है, जिसकी वजह से बचाव के लिए वे घर से बाहर हैं. घरों में पानी घुसने की वजह से लोग सामुदायिक भवनों में रह रहे हैं. जानकारी के मुताबिक सूरीघाट में रहने वाले समाजवादी अंतरराष्ट्रीय मांझी सरकार प्रतिनिधि रामनाथ कैवर्त का पूरा घर पानी में डूब गया है. वहीं घर की दीवार भी गिर गई है.
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तखतपुर नगर के 148 परिवार हुए बेघर
लोरमी जाने वाले सड़क मार्ग पर बना पुल पानी के तेज बहाव से टूट गया है, जिसकी वजह से आवागमन पूरी तरह प्रभावित है. भारी बारिश के बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे तखतपुर नगर के 148 परिवार घर से बेघर हो गए हैं. सरकारी आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक इसमें संख्या घट और बढ़ भी सकती है. जानकारी के मुताबिक तखतपुर के सल्हैया गांव, घोघरा, चौरहा, सिंघनपुरी, पड़रिया, मोढ़े, जरेली, चितावर, अमोलीकापा, चोरमा, चुलघट और राजाकापा जैसे कई गांव बाढ़ का सामना कर रहे हैं, जिन्हें बचाने के लिए प्रशासन जुटा हुआ है.
22 साल पहले बनी थी बाढ़ की स्थिति
22 साल पहले यानी 1998 में तखतपुर में ऐसी ही बाढ़ की स्थिति बनी थी, जिससे चारों तरफ से नगर का संपर्क टूट गया था. जानकारी के मुताबिक 1998 में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चल रही थीं. ऐसे में तत्कालीन भाजपा नेता और फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना तखतपुर आने वाले थे, जो बाढ़ की स्थिति को देखते हुए टल गया था. उस समय भाजपा टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व विधायक जगजीत सिंह मक्कड़ ने कार्यकर्ताओं के लिए जो भोजन का पैकेट तैयार कराया था, उसे बाढ़ में फंसे लोगों के बीच में बंटवा दिया गया था.
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तखतपुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चितावर के आश्रित अचानकपुर गांव में मनियारी और नर्मदा के उफान का प्रभाव इस कदर था कि लगभग 20 घरों के लोग बाढ़ की स्थिति में फंस गए थे, जिन्हें रेस्क्यू कर बोट के माध्यम से गांव से निकाल कर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया. इस दौरान एसडीएम आनंदरूप तिवारी और एसडीओपी रश्मीत कौर चावला इस मिशन में पूरे समय तक गांव में ही डटे रहे. वहीं सरपंच सुखदेव सिंगरौल और उनकी टीम भी इस दौरान सक्रिय रही.