बिलासपुर: मस्तूरी और बिल्हा ब्लॉक में सूखा राशन वितरण के लिए भेजे गए खाद्य में सोयाबीन के खराब निकलने की बात सामने आई है. हालांकि जो महिला समूह वितरण का काम संभाल रही है, उसने सोयाबीन का वितरण नहीं किया. बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए बाजार से सोयाबीन उपलब्ध कराई गई. संकुल समन्वयक केशव चंद्र वर्मा ने बताया है कि बिल्हा क्षेत्र में खराब सोयाबीन के बदले अच्छी क्वालिटी का सोयाबीन भेज दिया गया है.
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कोरोना काल लॉकडाउन के दौरान बंद किए गए स्कूल अब तक शुरू नहीं कराए जा सके हैं. छत्तीसगढ़ समेत बिलासपुर जिले में स्कूल फिलहाल बंद हैं. ऐसे में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन की जगह शासन ने सूखा राशन प्रति माह के हिसाब से बच्चों को देना शुरू किया है. बच्चे भी निश्चित तिथि पर स्कूल पहुंचकर अपना 3 माह का राशन एकमुश्त प्राप्त कर रहे हैं. सूखा राशन में चावल, दाल, पापड़, आचार और सोयाबीन मुख्य रूप से शामिल है.
शिक्षा विभाग ने संभाला मामला
सोयाबीन की सप्लाई राजधानी रायपुर के बीज निगम से करने के बाद जिले के मस्तूरी और बिल्हा ब्लॉक में कोहराम मच गया. शिकायत के सामने आते ही शिक्षा विभाग ने इसे धोखे से आ जाने की बात कही.