रायपुर : हत्या के मामले में चार आरोपियों को मंगलवार को आजीवन कारावास (Life imprisonment) की सजा सुनाई गई है. षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश बीआर साहू की कोर्ट ने यह सजा सुनाई है. मामला अप्रैल 2018 का है. जिसमें एक चचेरे भाई ने अपने तीन साथियों के साथ प्रकाश शर्मा का अपहरण (Kidnapping) किया था. अपहरण के बाद उनकी हत्या की वारदात को अंजाम आरोपियों ने अंंजाम दिया था. रायपुर कोर्ट में चारों को आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ 5-5 हजार रुपये का जुर्माना (5-5 thousand rupees fine) भी लगाया गया है. इस बाबत राजधानी के डीडीनगर थाने में हत्या का मामला दर्ज हुआ था.
षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश बीआर साहू ने इस मामले में मृतक के चचेरे भाई समेत उसके तीन साथियों को दोषी करार दिया है. जिसके बाद कोर्ट ने मृतक छात्र के चचेरे भाई अमृत शर्मा और उसके तीन साथी भोजराज नंद, अनिल कुमार बेहरा और चित्रसेन बेहरा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने सभी दोषियों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
दो करोड़ की फिरौती के चक्कर में की हत्या
मृतक प्रकाश शर्मा अपने चचेरे भाई अमृत शर्मा के साथ डीडी नगर थाना क्षेत्र में रह रहा था. जहां आरोपी अमृत शर्मा अपने चचेरे भाई प्रकाश शर्मा का अपहरण कर उसके पिता से दो करोड़ रुपए फिरौती मांगने की योजना बनाई थी. इसके लिए आरोपी ने अपने तीन साथियों को वारदात में शामिल किया था. जिसके बाद आरोपियों ने मृतक प्रकाश शर्मा को उसी के रूम में क्लोरोफॉर्म सुंघाकर अपहरण करने की कोशिश की. इस बीच प्रकाश ने छीनाझपटी की तो आरोपियों ने मिलकर उसकी नाक, मुंह, गला दबाकर हत्या कर दी. इस हत्याकांड के बाद कोर्ट ने तीन साल बाद इस मामले में फैसला सुनाया है.
10 लाख का कर्ज चुकाने के चक्कर में बनाई थी यह योजना
आरोपी मृतक शर्मा प्रकाश के साथ ही रह रहा था. वह इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों को दाखिला दिलाने का काम करता था. इस कारोबार में उसे काफी नुकसान हुआ था और 10 लाख रुपए का कर्जदार बन गया था. कर्ज चुकाने के लिए उसने चचेरे भाई प्रकाश शर्मा को अगवा कर चाचा से दो करोड़ की फिरौती वसूलने की योजना बनाई. इस योजना में महासमुंद जिले से बसना टिकरापारा निवासी अनिल बेहरा, चित्रसेन बहरा और सराईपाली क्षेत्र के ग्राम बडगी निवासी भोजराज नंद को शामिल किया. चारों 1 महीने से योजना बनाते आ रहे थे.
गुमराह करने के लिए बिखेरा सामान
आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कमरे का सारा सामान बिखेर दिया. ताकि लगे कि मारपीट हुई है. साथियों ने अमृत को बांध दिया और बाइक से बसना भाग गए. लेकिन पुलिस की पूछताछ में अमृत ने घटना को स्वीकारा उसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ.