गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: आम आदमी के निकट जाने के लिए पुलिस तरह-तरह के प्रयास कर रही है. नवगठित जिला गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के एसपी ने काफी सराहनीय काम किया है, जो अनूठा और अनुकरणीय है.
एसपी का सराहनीय कार्य
बचपन में किताबों के लिए संघर्ष की यादें अब भी पुलिस अधीक्षक सूरत सिंह परिहार के मन में ताजा हैं. एसपी ने उनको याद करते हुए सोशल मीडिया पर एक अपील की. जिसमें एक निशुल्क बुक बैंक बनाने के लिए पुस्तकें देने का निवेदन किया था. एसपी के आग्रह पर तुरंत ही प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई. देश विदेश से लगातार सहयोग के लिए लोग सामने आने लगे पुस्तकों का दान करने वालों में यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के कैलिफोर्निया से लेकर मस्कट तक के लोग सामने आए. एसपी के शुरू की गई इस लाइब्रेरी में उनकी पत्नी ने भी पुस्तकें दान की किताबे दान करने वालों में स्थानीय लोग भी पीछे नहीं रहे.
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शहीद के नाम पर रखा गया लाइब्रेरी का नाम
लाइब्रेरी का नाम बीजापुर नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए हेड कांस्टेबल शिवनारायण सिंह बघेल के नाम पर रखा गया है. शहीद कांस्टेबल की पुत्री से ही लाइब्रेरी के एक कमरे का फीता कटावकर उद्घाटन किया गया. दूसरे कमरे का फीता पुलिस महानिदेशक रतनलाल डांगी ने काटा. पुलिस महानिरीक्षक ने इस मौके पर कहा कि यह एक नियम का पत्थर साबित होगा. साथ ही ऐसे लोगों के लिए भी वरदान होगा जो आईएएस, आईपीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पुस्तकों की तलाश में रहते हैं. लेकिन धन अभाव होने की वजह से पुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पाती. पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि एसपी सूरत सिंह परिहार से दूसरे पुलिस अधीक्षकों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए.