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बिलासपुर: कानन पेंडारी में ट्यूमर से ग्रसित बलदेव तेंदुआ की मौत - Kanan Pendari

कई महीनों से बीमार चल रहे तेंदुआ बलदेव की मौत हो गई है. वन विभाग ने शव का पोस्टमार्टम करा अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

Leopard Baldev has died in Kanan Pendari Zoo
कानन पेंडारी
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Published : Feb 9, 2021, 3:37 PM IST

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू में तेंदुआ बलदेव की मौत हो गई है. तेंदुआ के शरीर में 3 ट्यूमर थे, जिसकी वजह से उसने दम तोड़ दिया. तेंदुआ कई दिनों से बीमार चल रहा था.

2016 में कांकेर से लाया गया था बलदेव
2016 में कांकेर जू से तेंदुआ को बिलासपुर के कानन पेंडारी में शिफ्ट किया गया था. कानन पेंडारी में लॉयन और टाइगर के साथ कुल 7 तेंदुए थे. इसमें दो मादा और दो नर तेंदुए की पिछले साल मौत हो गई है. 5 दिनों के लिए पुराने जर्जर केज से दो नए केज में तेंदुआ बलदेव को शिफ्ट किया गया था. नए केज में ही उसकी बीमारी का इलाज किया जा रहा था. बीमार के कारण उसकी मौत हो गई है. मौत की सूचना मिलते ही अधिकारी जू पहुंचे थे. बलदेव का पोस्टमार्टम कराया गया है. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पढ़ें : बर्ड फ्लू के मद्देनजर कानन पेंडारी में किए गए विशेष इंतजाम

जू प्रबंधन पर लगता रहा है लापरवाही का आरोप

जू प्रबंधन पर लगातार लापरवाही का आरोप लगता रहा है. यहीं वजह है कि अबतक कई जानवरों की मौत जू में हो चुकी है. कानन में फिलहाल 65 प्रजाति के पक्षी मौजूद हैं. बर्ड फ्लू को देखते हुए पक्षियों के खानपान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जू के अंदर सफेद टाइगर समेत 22 मांसाहारी पशु भी हैं. इन्हें भोजन के रूप में जो चिकन दिया जाता है, उसमें विशेष सावधानी बरती जा रही है. कानन में फिलहाल जिंदा चिकन ही लाया जा रहा है. जांच परख के बाद ही इसके मांस को पशुओं को दिया जाता है.

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू में तेंदुआ बलदेव की मौत हो गई है. तेंदुआ के शरीर में 3 ट्यूमर थे, जिसकी वजह से उसने दम तोड़ दिया. तेंदुआ कई दिनों से बीमार चल रहा था.

2016 में कांकेर से लाया गया था बलदेव
2016 में कांकेर जू से तेंदुआ को बिलासपुर के कानन पेंडारी में शिफ्ट किया गया था. कानन पेंडारी में लॉयन और टाइगर के साथ कुल 7 तेंदुए थे. इसमें दो मादा और दो नर तेंदुए की पिछले साल मौत हो गई है. 5 दिनों के लिए पुराने जर्जर केज से दो नए केज में तेंदुआ बलदेव को शिफ्ट किया गया था. नए केज में ही उसकी बीमारी का इलाज किया जा रहा था. बीमार के कारण उसकी मौत हो गई है. मौत की सूचना मिलते ही अधिकारी जू पहुंचे थे. बलदेव का पोस्टमार्टम कराया गया है. इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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जू प्रबंधन पर लगता रहा है लापरवाही का आरोप

जू प्रबंधन पर लगातार लापरवाही का आरोप लगता रहा है. यहीं वजह है कि अबतक कई जानवरों की मौत जू में हो चुकी है. कानन में फिलहाल 65 प्रजाति के पक्षी मौजूद हैं. बर्ड फ्लू को देखते हुए पक्षियों के खानपान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जू के अंदर सफेद टाइगर समेत 22 मांसाहारी पशु भी हैं. इन्हें भोजन के रूप में जो चिकन दिया जाता है, उसमें विशेष सावधानी बरती जा रही है. कानन में फिलहाल जिंदा चिकन ही लाया जा रहा है. जांच परख के बाद ही इसके मांस को पशुओं को दिया जाता है.

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