बिलासपुर: 28 साल के लंबे इंतजार के बाद देश के चर्चित बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुना दिया है. इस फैसले में सभी अभियुक्तों को बरी किया गया है. इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जाहिर की है.
धरमलाल कौशिक ने कहा कि, 'उन दिनों जिस तरह से हमारे वरिष्ठ नेताओं को अभियुक्त बनाकर केस चलाए गए वो गलत था. अब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है. उन्होंने कहा कि 28 वर्षों के बाद आए इस फैसले का हम स्वागत करते हैं.'
गौरतलब है कि अयोध्या के बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में सीबीआई की विशेष अदालत में बुधवार को फैसला आया, जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया है. इस फैसले पर देशभर की नजरें टिकी थी.
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49 लोगों पर दर्ज हुई थी FIR
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती समेत कुल 32 लोग इसमें अभियुक्त बनाये गए थे. बाबरी विध्वंस मामले में कुल 49 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी, इनमें से 17 का निधन हो चुका है. आज इस बड़े फैसले के बाद लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही है.
सीबीआई कोर्ट ने सभी 32 अभियुक्तों को बरी किया
विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.के. यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी. यह एक आकस्मिक घटना थी. उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी. इस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्य गोपाल दास, डॉ. राम विलास वेदांती, चंपत राय, महंत धर्मदास, सतीश प्रधान, पवन कुमार पांडेय, लल्लू सिंह, प्रकाश शर्मा, विजय बहादुर सिंह, संतोष दुबे, गांधी यादव, रामजी गुप्ता, ब्रज भूषण शरण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, रामचंद्र खत्री, जय भगवान गोयल, ओम प्रकाश पांडेय, अमर नाथ गोयल, जयभान सिंह पवैया, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन भाई शुक्ला, आरएन श्रीवास्तव, आचार्य धमेंद्र देव, सुधीर कुमार कक्कड़ और धर्मेंद्र सिंह गुर्जर आरोपी थे.