बिलासपुर : दुर्ग के फैमिली कोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने शपथ पत्र फाइल कर बिना शर्त माफी मांगी है. साथ ही भविष्य में इस प्रकार की घटना नहीं होने की बात कही है.
न्यायालय की डिवीजन बेंच ने अपने ऑर्डर में लिखा कि 'बार और बेंच एक रथ के दो पहिए हैं, इस प्रकार की घटना से समाज में दुष्प्रभाव पड़ता है. आपके शपथ पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई पर विराम लगाते हैं. अब इस प्रकरण को 2 महीने बाद रखा जाता है, ताकि पूरे प्रदेश के लिए कुछ गाइड लाइन तय की जा सके'
वकीलों ने की थी हड़ताल
बता दें कि दुर्ग के जिला न्यायालय से फैमिली कोर्ट को 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट किए जाने को लेकर पिछले दिनों वकीलों ने हड़ताल शुरू कर दी थी. जिसपर जिला न्यायालय के जज ने हाईकोर्ट चीफ जस्टिस को अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अख्तियार किया था.
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हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती
हाईकोर्ट ने सभी आंदोलनकारी वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने सहित उनके लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई करने की इजाजत शासन को दे दी थी.
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पिछली सुनवाई में मांगी थी माफी
हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए वकील और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट के सामने पिछली सुनवाई में माफी मांगी थी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिविजन बेंच ने की.