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फैमिली कोर्ट शिफ्ट कराने वकीलों ने की थी हड़ताल, अब मांगनी पड़ी माफी - फैमिली कोर्ट शिफ्ट करने की थी मांग

दुर्ग के फैमिली कोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट कराने की मांग को लेकर वकीलों ने हड़ताल की थी. मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

Lawyers of durg district court apologized in High Court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Jan 28, 2020, 3:33 PM IST

बिलासपुर : दुर्ग के फैमिली कोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने शपथ पत्र फाइल कर बिना शर्त माफी मांगी है. साथ ही भविष्य में इस प्रकार की घटना नहीं होने की बात कही है.

न्यायालय की डिवीजन बेंच ने अपने ऑर्डर में लिखा कि 'बार और बेंच एक रथ के दो पहिए हैं, इस प्रकार की घटना से समाज में दुष्प्रभाव पड़ता है. आपके शपथ पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई पर विराम लगाते हैं. अब इस प्रकरण को 2 महीने बाद रखा जाता है, ताकि पूरे प्रदेश के लिए कुछ गाइड लाइन तय की जा सके'

वकीलों ने की थी हड़ताल

बता दें कि दुर्ग के जिला न्यायालय से फैमिली कोर्ट को 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट किए जाने को लेकर पिछले दिनों वकीलों ने हड़ताल शुरू कर दी थी. जिसपर जिला न्यायालय के जज ने हाईकोर्ट चीफ जस्टिस को अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अख्तियार किया था.

पढ़ें :हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगी छत्तीसगढ़ के स्पीड ब्रेकर्स से जुड़ी जानकारी

हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

हाईकोर्ट ने सभी आंदोलनकारी वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने सहित उनके लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई करने की इजाजत शासन को दे दी थी.

पढ़ें :आवारा पशु मामले में सभी नगर निगम को हाईकोर्ट का नोटिस, 4 हफ्ते बाद होगी सुनवाई

पिछली सुनवाई में मांगी थी माफी

हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए वकील और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट के सामने पिछली सुनवाई में माफी मांगी थी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिविजन बेंच ने की.

बिलासपुर : दुर्ग के फैमिली कोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में सुनवाई के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों ने शपथ पत्र फाइल कर बिना शर्त माफी मांगी है. साथ ही भविष्य में इस प्रकार की घटना नहीं होने की बात कही है.

न्यायालय की डिवीजन बेंच ने अपने ऑर्डर में लिखा कि 'बार और बेंच एक रथ के दो पहिए हैं, इस प्रकार की घटना से समाज में दुष्प्रभाव पड़ता है. आपके शपथ पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई पर विराम लगाते हैं. अब इस प्रकरण को 2 महीने बाद रखा जाता है, ताकि पूरे प्रदेश के लिए कुछ गाइड लाइन तय की जा सके'

वकीलों ने की थी हड़ताल

बता दें कि दुर्ग के जिला न्यायालय से फैमिली कोर्ट को 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट किए जाने को लेकर पिछले दिनों वकीलों ने हड़ताल शुरू कर दी थी. जिसपर जिला न्यायालय के जज ने हाईकोर्ट चीफ जस्टिस को अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले पर संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अख्तियार किया था.

पढ़ें :हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगी छत्तीसगढ़ के स्पीड ब्रेकर्स से जुड़ी जानकारी

हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती

हाईकोर्ट ने सभी आंदोलनकारी वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने सहित उनके लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई करने की इजाजत शासन को दे दी थी.

पढ़ें :आवारा पशु मामले में सभी नगर निगम को हाईकोर्ट का नोटिस, 4 हफ्ते बाद होगी सुनवाई

पिछली सुनवाई में मांगी थी माफी

हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए वकील और बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट के सामने पिछली सुनवाई में माफी मांगी थी. पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पीपी साहू की डिविजन बेंच ने की.

Intro:दुर्ग के फैमिली कोर्ट को दूसरी जगह शिफ्ट करने के मामले पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। आज मामले पर सुनवाई के दौरान दुर्ग बार एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियो ने शपथ पत्र फ़ाइल कर बिना शर्त माफ़ी मांगी है । साथ ही भविष्य मे इस प्रकार की घटना नहीं होंगी यह वचन भी दिया है। Body:जिस पर न्यायालय की डिवीजन बेंच ने अपने आर्डर मे लिखा की हम मानते है बार और बेंच एक रथ के दो पहिये है, इस प्रकार की घटना से समाज मे दुष्प्रभाव पड़ता है। आगे कभी ना हो एसा हम उम्मीद करते है और आपके शपथ पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई पर विराम लगाते है।अब इस प्रकरण को 2 माह बाद रखा जाता है ताकि पुरे प्रदेश के लिए कुछ गाइड लाइन तय किया जा सके।Conclusion:बता दें कि दुर्ग के जिला न्यायालय से फैमिली कोर्ट को 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट किए जाने को लेकर पिछले दिनों वकीलों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। जिसको लेकर जिला न्यायालय के जज ने हाई कोर्ट चीफ जस्टिस को अपनी रिपोर्ट सौंपी।रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मामले पर संज्ञान लेते हुए काफी सख्त रुख अख्तियार किया था। हाई कोर्ट ने सभी आंदोलनकारी वकीलों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने सहित उनके लाइसेंस रद्द करने तक की कार्यवाही करने की इजाजत शासन को दे दी थी। हाईकोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए वकील व बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने हाईकोर्ट के समक्ष पिछली सुनवाई में माफी मांगी थी। और आज मामले में शपथ पत्र पेश करते हुए माफी मांगी साथ ही भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं होगी का वचन भी हाईकोर्ट में दिया है।पूरे मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन व पीपी साहू की डिविजन बेंच द्वारा की गई।
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