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शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर में मजदूर की मौत

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Published : Jun 18, 2020, 12:00 AM IST

लखनऊ से आए एक मजदूर की शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर में मौत हो गई. मौत की वजह हार्टअटैक बताई जा रही है.

Labor killed in the quarantine center of Government Mahamaya College bilaspur
मजदूर की मौत

बिलासपुर: रतनपुर नगर के शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर में लखनऊ से आए एक बुजुर्ग की मौत हो गई. इस संबंध में बताया जा रहा है कि बुजुर्ग जागेश्वर यादव मानिक चौरी मस्तूरी का निवासी है, जो कि अपने दो बेटों के साथ लखनऊ के ईटा भट्ठा में कमाने खाने के लिए गया हुआ था. कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश को लॉकडाउन किया गया था, जिसके चलते वह अपने घर आने के लिए निकला. लेकिन कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से वह अपने घर नहीं जा सका.

55 वर्षीय मजदूर की मौत


बताया जा रहा है कि बुजुर्ग 12 जून को अन्य मजदूरों के साथ बिलासपुर पहुंचा था, इसके बाद स्टेशन से 200 मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरह बस से 13 जून को शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर लाया गया था, जहां हार्ट अटैक से बुजुर्ग की मौत हो गई.

कीड़ा लगा हुआ सब्जी परोसा गया

मामले में मजदूरों का कहना है कि बुजुर्ग को अधपक्का चावल और कीड़ा लगा हुआ सब्जी परोसा गया था, जिसे कई लोगों ने नहीं खाया. लेकिन जागेश्वर ने अपने दोनों बेटो और पड़ोसी के साथ भरपेट खाया, जिसके बाद वह अपने अन्य साथियों के साथ रात 11 बजे तक गपशप मारता रहा और सुबह 5 बजे शौचालय गया, जहां से आकर सो गया और फिर उठा ही नहीं. बेटों ने उसे उठाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं उठा और कुछ देर बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

मजदूर के शव को भेजा गया
बता दें, मजदूर के शव को उसके गृह ग्राम ले जाने के लिए मुक्तांजलि को सूचना दी गई, लेकिन वह भी नहीं पहुंची. इसके बाद 112 को सूचना दी गई वह भी लेने नहीं आई, जिसके बाद प्राइवेट वाहन से ले जाया गया . मृतक और उसके दोनों बेटे और पड़ोसी की रैपिड किट से जांज की गई, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद बाद मृतक के शव को उसके गृह ग्राम मस्तूरी भेजा गया.

बिलासपुर: रतनपुर नगर के शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर में लखनऊ से आए एक बुजुर्ग की मौत हो गई. इस संबंध में बताया जा रहा है कि बुजुर्ग जागेश्वर यादव मानिक चौरी मस्तूरी का निवासी है, जो कि अपने दो बेटों के साथ लखनऊ के ईटा भट्ठा में कमाने खाने के लिए गया हुआ था. कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश को लॉकडाउन किया गया था, जिसके चलते वह अपने घर आने के लिए निकला. लेकिन कोरोना के कारण जारी लॉकडाउन की वजह से वह अपने घर नहीं जा सका.

55 वर्षीय मजदूर की मौत


बताया जा रहा है कि बुजुर्ग 12 जून को अन्य मजदूरों के साथ बिलासपुर पहुंचा था, इसके बाद स्टेशन से 200 मजदूरों को भेड़ बकरियों की तरह बस से 13 जून को शासकीय महामाया कॉलेज के क्वॉरेंटाइन सेंटर लाया गया था, जहां हार्ट अटैक से बुजुर्ग की मौत हो गई.

कीड़ा लगा हुआ सब्जी परोसा गया

मामले में मजदूरों का कहना है कि बुजुर्ग को अधपक्का चावल और कीड़ा लगा हुआ सब्जी परोसा गया था, जिसे कई लोगों ने नहीं खाया. लेकिन जागेश्वर ने अपने दोनों बेटो और पड़ोसी के साथ भरपेट खाया, जिसके बाद वह अपने अन्य साथियों के साथ रात 11 बजे तक गपशप मारता रहा और सुबह 5 बजे शौचालय गया, जहां से आकर सो गया और फिर उठा ही नहीं. बेटों ने उसे उठाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं उठा और कुछ देर बाद चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

मजदूर के शव को भेजा गया
बता दें, मजदूर के शव को उसके गृह ग्राम ले जाने के लिए मुक्तांजलि को सूचना दी गई, लेकिन वह भी नहीं पहुंची. इसके बाद 112 को सूचना दी गई वह भी लेने नहीं आई, जिसके बाद प्राइवेट वाहन से ले जाया गया . मृतक और उसके दोनों बेटे और पड़ोसी की रैपिड किट से जांज की गई, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई. इसके बाद बाद मृतक के शव को उसके गृह ग्राम मस्तूरी भेजा गया.

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