बिलासपुर: बिलासपुर के कथा वाचक स्वामी चिन्मयानंद ने महाराष्ट्र के हनुमान चालीसा मामले में बड़ा बयान दिया है. चिन्मयानंद ने कहा कि "सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. अगर हम सभी के धर्मों का सम्मान कर रहे हैं तो दूसरों को भी हमारे धर्मों का सम्मान करना चाहिए. हम अजान सुनने को बाध्य हैं तो वो भी हनुमान चालीसा सुनने को बाध्य होने चाहिए."
यह भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में की राष्ट्रपति शासन की मांग, राज ठाकरे पर लगाए गंभीर आरोप
लाउडस्पीकर पर चिन्मयानंद का बयान : देश में धर्म को लेकर हो रही राजनीति और अलग-अलग व्याख्या के बीच कथावाचक स्वामी चिन्मयानंद बापू का बड़ा बयान सामने आया है. बिलासपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने लाउडस्पीकर में हनुमान चालीसा बजाने के विवाद पर बोला है. उन्होंने कहा कि, सभी धर्मों को समान रूप से आदर देना चाहिए. हम किसी के मस्जिद में अजान सुनने पर बाध्य हो रहे हैं तो उनको भी हमारी हनुमान चालीसा सुनने के लिए बाध्य होना चाहिए. हमारी हनुमान चालीसा का स्वागत करना चाहिए या फिर हर जगह से माइक या स्पीकर हटा लिया जाए या सभी जगह माइक या स्पीकर लगाने की इजाजत दे दी जाए.
स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि सरकार को इस विषय में पहले कदम उठाना चाहिए. खुशी इस बात की है कि लोग अपने धर्म को लेकर जागरूक हो रहे हैं. श्रद्धावान हो रहे हैं, ऐसे लोगों का स्वागत है. चिन्मयानंद बापू ने कहा कि, धर्म लोगों की श्रद्धा का विषय है. जबरदस्ती धर्म का पालन नहीं कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए, राजनीति में धर्म अनिवार्य है. राजनीति के गलत कामों पर अंकुश लगाने के लिए धर्म की आवश्यकता होती है. लेकिन धर्म में राजनीति का प्रवेश नहीं होना चाहिए.