बिलासपुर: जेसीसी (जे) के सुप्रीमो अजीत जोगी शुक्रवार को पेंड्रारोड के व्यवहार न्यायालय पहुंचे. जहां पर जोगी ने स्थानीय आदिवासी नेता धन सिंह कंवर के कंवर जाति से बहिष्कृत करने वाले बयान पर आपत्ति दर्ज कराते हुए 1 करोड़ का मानहानि दावा किया है.
दरअसल, पूरा मामला अजीत जोगी की जाति से जुड़ा हुआ है. दरअसल 23 अगस्त को हाई पावर कमेटी का फैसला आने के बाद धन सिंह कंवर ने एक बैठक का आयोजन किया था. इस बैठक में उन्होंने अजीत जोगी को गैर आदिवासी बताते हुए आदिवासी समाज से बाहर बाहर कर दिया था.
जोगी ने किया 1 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा
मीडिया और सोशल मीडिया में बयान दिए जाने के बाद जोगी ने धनसिंह कंवर के खिलाफ उन्हें समाज से बहिष्कृत किये जाने का विरोध किया और मामले में धनसिंह कंवर के खिलाफ व्यवहार न्यायालय पेंड्रारोड में 1 करोड़ रुपये के मानहानि का दावा किया है.
'प्रतिष्ठा को कंवरसिंह ने पहुंचाया ठेस'
जोगी ने अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि ये झूठी, बेबुनियाद और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली बात थी, क्योंकि न ही सामाज की बैठक हुई और न ही धीरपाल सिंह ने बैठक में अध्यक्षता की थी. साथ ही समाज के प्रमुख धीरपाल सिंह ने स्पष्ट कहा भी है कि समाज से बहिष्कृत किए जाने का कोई फैसला नहीं लिया गया. अजीत जोगी ने कहा कि 'मेरी अवमानना हुई इस पर मैंने परिवाद याचिका दायर किया है,
जजों पर जोगी ने लगाए गंभीर आरोप
इस दौरान अजीत जोगी ने जजों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने जजों पर कोर्ट में समय पर नहीं पहुंचने का आरोप लगाया. अजीत जोगी ने कहा कि'मैं समय से न्यायालय में उपस्थित हो गया, जबकि जज 1 घंटे देरी से कोर्ट पहुंचे' अजीत जोगी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि ये सारी बातें मैं मुख्य न्यायाधीश के सामने रखूंगा.