गौरेला पेंड्रा मरवाही: JCCJ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने protest against bhupesh government in Pendra ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की मृत्यु के बाद मरवाही में हुए उपचुनाव के दौरान सरकार के मंत्री और नेताओं द्वारा जिले में विभिन्न घोषणा की गई थी. जिनमें पेंड्रा एवं गौरेला नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा दिलाने का वादा किया गया था. साथ ही मरवाही ग्राम पंचायत को नगर पंचायत का दर्जा दिलाने, पसान को गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में शामिल करने का वादा भी किया गया था. कांग्रेस ने बाईपास निर्माण एवं तहसील, निर्माण की घोषणा के बावजूद उन पर आज तक कोई काम नहीं किया गया. GPM latest news इसे लेकर विभिन्न पार्टियां लगातार सरकार पर दबाव बना रही हैं.
जेसीसीजे का भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप: उसी क्रम में आज छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जोगी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के साथ एकत्रित हुए. जेसीसीजे ने उपचुनाव के दौरान की गई घोषणाओं की पूर्ति में देरी करने को लेकर भूपेश सरकार को जमकर कोसा है. जनता कांग्रेस के नेताओं ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि "सरकार ने आम चुनाव में भी हमारे द्वारा बनाए गए शपथ पत्र की जेरॉक्स कॉपी कर जन घोषणा पत्र का नाम दिया. घोषणा पत्र में ना तो सीएम भूपेश बघेल की तस्वीर है, न ही टीएस सिंहदेव की, इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की तस्वीरें लगी है. इसलिए इसकी पूर्ति कराने की जिम्मेदारी भी अब इन्हीं दोनों शीर्ष नेताओं की है. अन्यथा जनता आने वाले चुनाव में उन्हें वादा पूरा न करने को लेकर जरूर सबक सिखाएगी.
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आरक्षण को लेकर भूपेश सरकार पर साधा निशाना: अमित जोगी ने आज बड़ा दावा करते हुए कहा कि "आने वाले आम चुनाव में हमारे बिना सरकार नहीं बनेगी. छत्तीसगढ़ में पहले भी एजेंडा जोगी तय करते रहे हैं और इस बार भी जोगी पार्टी ही एजेंडा तय करेगी." Amit Jogi accused government of breaking promises वहीं छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर पूछे गए सवाल पर अमित जोगी ने कहा कि "आरक्षण के नाम पर तो सरकार ने सीधे सीधे जनता के साथ छलावा किया है. मुख्यमंत्री ने लालपुर में कहा था कि हम जनगणना के आधार पर आरक्षण तय करेंगे. इसके लिए पटेल आयोग बनाया गया, जिसका कार्यकाल 1 वर्ष था. 3 वर्ष हो गए, पर उसकी रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई. आपने एसटी, एससी और ओबीसी वर्ग को आरक्षण दिया. बहुत अच्छी बात है, पर आपने सामान्य वर्ग के गरीब लोगों का आरक्षण दस परसेंट से चार पर्सेंट क्यों किया. इसे तो बाबा साहब के साथ साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी मान्यता दी थी. यह छुआछूत का रवैया ठीक नहीं है, सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.