बिलासपुर: जन्माष्टमी में भगवान कृष्ण के वस्त्र, कान्हा को पहनाए जाने वाले कपड़ों की डिमांड काफी बढ़ जाती है. इतना ही नहीं छोटे बच्चों को भी कृष्णलला के अवतार में तैयार करवाया जाता है. कई स्कूलों मों तो कृष्ण और राधा के ड्रेस में बच्चों को भाग लेना होता है. छोटे-छोटे बच्चे प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं. यही कारण है कि भगवान कृष्ण के पोशाक के साथ-साथ राधा कृष्ण के ड्रेस की भी मांग बढ़ जाती है. जन्माष्टमी के पहले बाजारों में ऐसे ड्रेस की काफी डिमांड रहती है. लोग भी मुंहबोली कीमत में राधा-कृष्ण की ड्रेस को खरीदते हैं.
बच्चों के राधा-कृष्ण ड्रेस की बिक्री बढ़ी: बिलासपुर में भी राधा-कृष्ण के कपड़ों का क्रेज काफी देखने को मिल रहा है. बिलासपुर के बाजारों में ठाकुर जी के कपड़े, झूले और मुकुट की जमकर बिक्री हो रही है. सबसे ज्यादा डिमांड बच्चों के लिए कृष्णा-राधा ड्रेस की है. बाजार में बच्चों के कृष्ण ड्रेस में नए-नए डिजाइनर और आकर्षक कपड़ों की भरमार है. पूजा की सामग्री के साथ इन ड्रेस की खरीदी की जा रही है. स्कूल में होने वाले जन्माष्टमी के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पालक बच्चों के लिए खरीदी करते दिखे.
इस समय कृष्ण भगवान के कपड़ों की मांग कम है. बल्कि बच्चों के कृष्ण वाले कपड़े, मुकुट और बांसुरी की डिमांड अधिक है. पिछले 15 दिनों से बाजार में ग्राहकों की भीड़ तो है, लेकिन जन्माष्टमी से ज्यादा बच्चों की प्रतियोगिता के लिए खरीदी की जा रही है. बाजार में लोकल मार्केट के कपड़े की कीमत कम है. बाहर से आए डिजाइनर कपड़ों की कीमत अधिक है. ग्राहक बाहरी डिजाइनर कपड़ों की ज्यादा खरीदी कर रहे हैं. -विवेक मिश्रा, दुकानदार
बाजार में खरीदारों की संख्या बढ़ी: मोर के पंख के साथ बांसुरी और कृष्ण जी के गेटअप के कपड़े और अन्य सामानों की लोग खूब खरीदी कर रहे हैं. जन्माष्टमी के साथ ही अगले 15 दिनों तक स्कूलों में कृष्ण जन्माष्टमी और कृष्णा सजाओ प्रतियोगिताओं के लिए बच्चों के पालक पहले ही तैयारी शुरू कर दिए हैं. इस वजह से बाजार में पूजा की सामग्री खरीदने वालों के अलावा बच्चों के लिए कृष्णा के ड्रेस की खरीदी के लिए भीड़ काफी अधिक है. दरअसल, कई स्कूलों में बच्चों की कृष्णा और राधा के गेटअप में प्रतियोगिता भी होती है. इसके लिए खरीदारों की संख्या भी बाजारों में अधिक होती है.