बिलासपुर: जिले के जनपद पंचायत कोटा में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में गड़बड़ी सामने आई है. समिति ने गांव के एक किसान के दो बैलों से 7 दिनों में 6400 किलो गोबर की खरीदी कर ली है. यही नहीं इसके एवज में उसे 12 हजार 800 रुपए का भुगतान कर दिया गया है. गड़बड़ी सामने आने के बाद अब जिला पंचायत में हड़कंप मचा हुआ है, अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.
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भूपेश सरकार ने गोधन योजना की शुरुआत की है. इसमें गोवंश की रक्षा के साथ मवेशियों का गोबर बेचकर समूह को आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई गई है, लेकिन कुछ मामलों में गोबर खरीदी को लेकर सवालिया निशान उठने लगे हैं. कोटा ब्लाक के ग्राम खैरा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहांं दो बैल के मालिक ने 1 सप्ताह में 6400 किलो गोबर की बिक्री की है. इसके एवज में उसे 12 हजार 800 रुपये का भुगतान समिति ने कर दिया गया है. जबकि दो बैल के लिहाज से प्रतिदिन 10 किलो गोबर की खरीदी का मापदंड तय होने की बात कही जा रही है. एक किसान द्वारा मापदंड से अधिक गोबर बिक्री करने पर योजना के क्रियान्वयन सवाल खड़े हो रहे हैं.
गड़बड़ी की हो रही जांच
जनपद और जिला पंचायत के आला अफसरों अब जांच की बात कह रहे हैं. हालांकि अधिकारियों का यह भी कहना है, कि सरकार ने प्रति मवेशी या गोपालक गोबर बिक्री के लिए कोई मापदंड तय नहीं किया है, कोई भी पंजीकृत गोपालक कितना भी गोबर विक्रय कर सकता है. जिला पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि गड़बड़ी की जांच करा रहे हैं, गोपालकों को लाभ मिले ये प्राथमिकता में है.