बिलासपुर: नगर निगम के आगामी बजट को लेकर उहापोह की स्थिति बनी हुई है. बजट को लेकर हालांकि नवोदित महापौर रामशरण यादव आश्वस्त नजर आ रहे हैं, लेकिन अंदरखाने की स्थिति यह है कि बजट निर्माण में विपक्ष का सहयोग अबतक न के बराबर है. निगम के नए कार्यकाल में अब तक जनता की भलाई के लिए कोई चर्चा शुरू तक नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
दरअसल, बिलासपुर नगर निगम का बजट पेश होना है, जिसको लेकर निगम कर्मचारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. अपने इस पहले बजट को लेकर महापौर ने सभी पार्षदों को पत्र लिखकर सुझाव मांगे. 3 फरवरी को पत्राचार कर सुझाव मांगे गए और 5 फरवरी तक सुझाव देने को कहा गया है. 70 पार्षदों में से अब तक 25 पार्षदों ने कोई सुझाव नहीं दिया है.
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इधर बिलासपुर में पिछले 1 दशक से कई करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं. बिलासपुर शहर में समस्याओं का अंबार है, लेकिन पक्ष और विपक्ष को अपनी आपसी खींचतान से फुर्सत नहीं मिल रही है. ऐसे में बजट पर नजर रहेगी, जिससे साफ हो जाएगा कि बजट के लिए सुझाव पार्षदों का दिखावा था या जनता की भलाई. वहीं महापौर का कहना है कि 'आगामी बजट में जो सबसे महत्वपूर्ण तत्व है वो है पानी की समस्या और अरपा नदी को संरक्षण करना. इन दो प्रमुख मुद्दों को लेकर बजट में अधिक से अधिक मद की गुंजाइश की जाएगी. वहीं विपक्ष की ओर बजट के मुद्दे पर कोई भी पार्षद बोलने से बचते नजर आ रहे हैं'.