बिलासपुर: कोरोना की तीसरी लहर (corona third wave) को लेकर बिलासपुर तैयार नहीं दिख रहा है. जिस तरह तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है, उसके लिए जिले में बच्चों से संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं का बड़ा अभाव है. एनआईसीयू, पीआईसीयू सहित एचडीयू बेड की उपलब्धता कम है. निजी और सरकारी मिलाकर केवल 200 के करीब बेड ही जिले में उपलब्ध हैं. जबकि जिले में 0 से 14 साल के बीच करीब 4 लाख बच्चे हैं. ऐसे में अगर तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा संक्रमित होते हैं, तो स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे ही हैं.
प्रधानमंत्री तीसरी लहर की दे चुके हैं चेतावनी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई जानकार देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चेतावनी दे चुके हैं. तीसरी लहर में जिस तरह बच्चों के प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है, उसके लिए जिले में बच्चों के इलाज के लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की जरूरत है. लेकिन वर्तमान में बिलासपुर इसके लिए तैयार नहीं दिख रहा है. जो स्वास्थ्य सुविधाएं फिलहाल यहां बच्चों के लिए उपलब्ध हैं, वो सीमित हैं. जबकि जिले में शून्य से लेकर 14 वर्ष तक के करीब साढ़े 4 लाख से ज्यादा बच्चे हैं. ऐसे में इसके मुकाबले केवल 200 के करीब ही बेड जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों के पास उपलब्ध हैं.
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जिले में 300 अतिरिक्त बेड बच्चों के लिए बढाया जा रहा
तीसरी लहर को देखते हुए बिलासपुर जिला प्रशासन (Bilaspur District Administration) और स्वास्थ्य विभाग (Bilaspur Health Department) अतिरिक्त बेड बढ़ाने की बात कह रहा है. बिलासपुर सीएमएचओ डॉक्टर प्रमोद महाजन (Bilaspur CMHO Dr Pramod Mahajan) ने कहा कि अन्य चिकित्सीय सुविधाओं को भी पहले से दुरुस्त किया जा रहा है. बच्चों की जांच को लेकर भी अलग व्यवस्था बनाई जा रही है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मानें तो इसके लिए सिम्स और जिला सरकारी अस्पताल में एनआईसीयू, पीआईसीयू बेड तैयार किए जा रहे हैं. जिला कोविड अस्पताल में करीब 40 बेड इसके लिए तैयार भी कर लिए गए हैं. आने वाले दिनों में जिले में 300 अतिरिक्त बेड बच्चों के लिए बनाने पर विभाग काम कर रहा है. इसके साथ ही अन्य चिकित्सीय सुविधाएं जिसमें बच्चों के नाप के सर्जिकल मास्क, ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन मास्क के साथ इनके कोरोना जांच के लिए भी अलग से व्यवस्था बनाई जा रही है.