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जांजगीर-चांपा में क्रोकोडाइल पार्क के पास पेट्रोल पंप बनाने के मामले में HC ने की सुनवाई - क्रोकोडाइल पार्क मामले में सुनवाई

क्रोकोडाइल पार्क के नजदीक बन रहे पेट्रोल पंप के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने जांजगीर-चांपा प्रमुख सचिव वन, जांजगीर चांपा कलेक्टर और DFO को नोटिस जाकर तक तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Feb 27, 2020, 4:42 PM IST

बिलासपुर: जांजगीर-चांपा में क्रोकोडाइल पार्क के नजदीक बन रहे पेट्रोल पंप के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. मामले में हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव वन, जिले के कलेक्टर और DFO को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.

बता दें कि जांजगीर-चांपा के कोटमीसोनार इलाके में स्थित क्रोकोडाइल पार्क के नजदीक पेट्रोल पंप का निर्माण किया जा रहा है. DFO ने पेट्रोल पंप निर्माण की अनुमति नहीं दी थी. पेट्रोल पंप के निर्माण के लिए दिए गए आवेदन को DFO ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे आसपास के वन्यजीवों पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन बाद उन्होंने पेट्रोल पंप निर्माण करने की अनुमति दे दी.

जिसके खिलाफ प्रकाश शर्मा ने जनहित याचिका दायर की. याचिका में कहा गया कि डीएफओ ने पेट्रोल पंप के निर्माण मामले में पहले निरस्त किए हुए आवेदन को बाद में क्यों स्वीकार कर लिया. वहीं इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर और DFO से तीन सप्ताह के अंदर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बिलासपुर: जांजगीर-चांपा में क्रोकोडाइल पार्क के नजदीक बन रहे पेट्रोल पंप के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई की है. मामले में हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव वन, जिले के कलेक्टर और DFO को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.

बता दें कि जांजगीर-चांपा के कोटमीसोनार इलाके में स्थित क्रोकोडाइल पार्क के नजदीक पेट्रोल पंप का निर्माण किया जा रहा है. DFO ने पेट्रोल पंप निर्माण की अनुमति नहीं दी थी. पेट्रोल पंप के निर्माण के लिए दिए गए आवेदन को DFO ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे आसपास के वन्यजीवों पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा, लेकिन बाद उन्होंने पेट्रोल पंप निर्माण करने की अनुमति दे दी.

जिसके खिलाफ प्रकाश शर्मा ने जनहित याचिका दायर की. याचिका में कहा गया कि डीएफओ ने पेट्रोल पंप के निर्माण मामले में पहले निरस्त किए हुए आवेदन को बाद में क्यों स्वीकार कर लिया. वहीं इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर और DFO से तीन सप्ताह के अंदर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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