गौरेला पेंड्रा मरवाही : छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा गठित न्याय मूर्तियों की टीम मंगलवार को छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी अरपा के उद्गम स्थल का निरीक्षण करने अमरपुर पेंड्रा पहुंची. जहां हाईकोर्ट के निर्देश पर अरपा के उद्गम एवं समागम तक संरक्षण के लिए जगह का मुआयना किया. इस दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता मीना शास्त्री ने बताया कि '' छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय कहना है कि अरपा के पुनर्जीविन की व्यवस्था हो. साल भर उसमें पानी रहे नदी का रूप ही फ्लो अच्छी रहे. यह हम सबके लिए उपलब्धि की बात है कि छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी नदी और अरपा जिस पर राज्य गीत भी बनाया गया है इसके पुनर्जीवन के लिए योजना बनानी आवश्यक है. 12 महीने इसमें पानी हो इसके लिए एक टीम का गठन किया गया है.(High Court team reached place of origin of Arpa )
अरपा की दशा है खराब : मीना शास्त्री के मुताबिक जनहित की बात है इसे सुझाव के रूप में लिया जा रहा है. सब मिलकर इस पर संयुक्त प्रयास कर रहे हैं. जिसकी जो भूमिका होगी अपना काम करेगा .छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की उप महाधिवक्ता का मानना है कि वर्तमान में अरपा की दशा अच्छी नहीं है. पर हमारा यह प्रयास है कि अरपा को हम अच्छा बनाएं और न सिर्फ अच्छा बनाएं इसे रोल माडल प्रस्तुत करें.ताकि हिंदुस्तान में कोई भी राज्य हमसे सीखें की अरपा में अच्छा काम हुआ है. अभी वर्तमान में अरपा उद्गम में मामूली पानी का रिसाव है. इसके लिए काम करने की आवश्यकता है. उदाहरण के रूप पर उच्च न्यायालय की टीम ने सोन नदी के उद्गम स्थल सोनमुड़ा का भी निरीक्षण किया. जिस तरीके से सोन नदी को रिचार्ज करने के लिए ऊपर एक डेम बनाया गया है जिससे उद्गम में 12 महीने पानी रहता है. टीम ने पेण्ड्रा के सोनमुड़ा गांव पहुंचकर वहां का निरीक्षण किया है.
सोन नदी की तर्ज पर कार्ययोजना : ऐसी ही कार्य योजना अरपा उद्गम में बनाने की जरूरत है. उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित टीम में मित्रों के अलावा बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार, गौरेला पेंड्रा मरवाही कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ,जल संसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री, वन विभाग ,राजस्व विभाग, खनिज विभाग ,जियोलॉजिस्ट, भू गर्भ शास्त्री... सहित अन्य विभागों की टीम मौके पर पहुंची एवं स्थल निरीक्षण किया. अरपा में लगातार बहाव की स्थिति बनी रहे. इसके लिए कार्य योजना बनेगी.