बिलासपुर: अवमानना केस में प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर शहरी विकास विभाग के सचिव से जवाब तलब किया है. बता दें कि साल 2008 में राज्य सड़क परिवहन निगम के बंद होने से प्रतिनियुक्ति में शहरी विकास विभाग में भेजे गए राकेश शर्मा नगर पालिका में सीएमओ बनाए गए थे. तखतपुर बोदरी वैशाली नगर पंचायत में सीएमओ के पद पर रहे शर्मा ने अपने सेवानिवृत्ति के पहले ही अपने संविलियन के लिए विभाग के सामने आवेदन दिया था. बावजूद इसके विभाग ने उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की.
इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर हाईकोर्ट ने पूर्व में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के संविलियन करने के निर्देश शहरी सचिव व्यापक विकास विभाग को जारी किया था. निर्धारित अवधि के भीतर संविलियन नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है. अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच ने नोटिस जारी कर शहरी विकास विभाग के सचिव से जवाब तलब किया है.
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इसके साथ ही,अज्ञेय नगर केस में राज्य शासन में नगर निगम बिलासपुर के आग्रह को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने जवाब के लिए समय देते हुए मामले की सुनवाई 29 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है. बता दें कि अज्ञेय नगर में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए बिलासपुर सहकारी गृह निर्माण समिति की ओर से छोड़ी गई 1.09 एकड़ जमीन पर किए जा रहे अवैध निर्माण को संचालक पीआर यादव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.हाईकोर्ट ने मामले में पिछली बार सुनवाई करते हुए अवैध निर्माण पर रोक लगा दी थी.