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पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की याचिका पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर पर साल 2013 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान वोटिंग से 24 घंटे पहले चुनाव चिन्ह छपे हुए बिल्ले बांटने का आरोप है. जिसे कंवर ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

former Home Minister Nankiram Kanwar
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की याचिका पर सुनवाई
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Published : Mar 26, 2021, 7:53 PM IST

बिलासपुर: पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामले को कंवर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच द्वारा की गई है. मामले में कभी भी हाईकोर्ट अपना फैसला जारी कर सकता है.

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क्या है पूरा मामला?

साल 2013 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान वोटिंग से 24 घंटे पहले ननकीराम कंवर पर वोटरों को चुनाव चिन्ह छपे हुए बिल्ले बांटने का आरोप लगा था. नियम के अनुसार चुनाव से 48 घंटे पहले प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार बंद करना होता है. इस मामले में कंवर के विरोधी ने पुलिस में शिकायत की थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के तहत मामला दर्ज कर लिया था. कंवर ने अपने खिलाफ दर्ज इसी मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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ननकीराम कंवर ने क्या तर्क दिए?

हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में ननकीराम कंवर ने कहा है की जिस जगह बिल्ले बाटने का उनपर आरोप लगा है, उस वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे. साथ ही मजिस्ट्रेट से बिना इजाजत ही पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था. इसे उन्होंने नियम विरूद्ध बताया है.

बिलासपुर: पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की ओर से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने खिलाफ दर्ज मामले को कंवर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के अग्रवाल की सिंगल बेंच द्वारा की गई है. मामले में कभी भी हाईकोर्ट अपना फैसला जारी कर सकता है.

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क्या है पूरा मामला?

साल 2013 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान वोटिंग से 24 घंटे पहले ननकीराम कंवर पर वोटरों को चुनाव चिन्ह छपे हुए बिल्ले बांटने का आरोप लगा था. नियम के अनुसार चुनाव से 48 घंटे पहले प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार बंद करना होता है. इस मामले में कंवर के विरोधी ने पुलिस में शिकायत की थी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 123 के तहत मामला दर्ज कर लिया था. कंवर ने अपने खिलाफ दर्ज इसी मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

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ननकीराम कंवर ने क्या तर्क दिए?

हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में ननकीराम कंवर ने कहा है की जिस जगह बिल्ले बाटने का उनपर आरोप लगा है, उस वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे. साथ ही मजिस्ट्रेट से बिना इजाजत ही पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था. इसे उन्होंने नियम विरूद्ध बताया है.

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