बिलासपुर : नान घोटाले के आरोपी और पूर्व IAS अधिकारी डॉ आलोक शुक्ला का आवेदन हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया है. बता दें कि नान घोटाले के आरोपी डॉ आलोक शुक्ला के खिलाफ ED (प्रवर्तन निदेशालय) की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग के केस की जांच की जा रही है. ED की ओर से कई बार समन भेजने के बावजूद डॉक्टर शुक्ला ED के सामने पेश नहीं हुए हैं.
वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट में उन्होंने इस पूरी जांच के खिलाफ याचिका दायर की है. याचिका पर सुनवाई के दौरान अंतरिम राहत की मांग करते हुए डॉ शुक्ला कि ओर से आवेदन कोर्ट के सामने पेश किया गया था, जिसे जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच ने खारिज कर दिया है. वहीं मामले में दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने ED से 3 हफ्ते में जवाब मांगा है. अब मामले में अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद दोबारा होगी.
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि जिस वक्त नान घोटाला हुआ, उस समय आलोक शुक्ला नागरिक आपूर्ति निगम के सचिव पद पर नियुक्त थे. मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने पूर्व IAS आलोक शुक्ला और शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. केस की अगली सुनवाई 3 हफ्ते बाद होनी थी. मंगलवार यानी आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें आलोक शुक्ला का आवेदन रद्द कर दिया गया. वहीं ED से 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है.
HC में है संविदा नियुक्ति का केस
बता दें आलोक शुक्ला पर संविदा नियुक्ति को लेकर भी कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बीजेपी नेता नरेश गुप्ता ने याचिका दायर कर चुनौती दी है. अपनी याचिका में बीजेपी प्रवक्ता नरेश गुप्ता ने कहा है कि पूर्व IAS आलोक शुक्ला नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले के आरोपी हैं और अभी अग्रिम जमानत पर हैं. साथ ही कोर्ट में आलोक शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट भी दायर हो चुकी है. इसलिए ऐसे व्यक्ति को व्यापम और संसदीय कार्य विभाग समेत दो अन्य विभागों में संविदा नियुक्ति पर कैसे रखा जा सकता है. याचिका में कहा गया है कि आलोक शुक्ला के कार्यकाल में ही नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में घोटाला हुआ था.