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जाति मामलाः जोगी को झटका, HC ने FIR पर रोक लगाने से किया इन्कार - अजीत जोगी

हाइकोर्ट से अजीत जोगी को फिर एक झटका लगा है. जाति मामले में जोगी के खिलाफ दर्ज FIR पर कोर्ट ने रोक लगाने से इन्कार कर दिया.

जाति मामले में जोगी को झटका
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Published : Oct 1, 2019, 12:54 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 1:49 PM IST

बिलासपुर: जाति मामले में जोगी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. एक बार फिर अजीत जोगी को हाइकोर्ट से झटका लगा है. बिलासपुर सिविल लाइन थाने में अजीत जोगी के खिलाफ दर्ज FIR के मामले में उन्हें राहत नहीं मिली है.

समिति की रिपोर्ट आने के बाद हुई FIR
हाईकोर्ट ने जोगी के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. जोगी के खिलाफ उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से बिलासपुर सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई गई थी. बता दें कि छानबीन समिति की रिपोर्ट में जोगी को आदिवासी नहीं माना गया है.

जस्टिस सामंत ने दिया फैसला
जस्टिस आर.सी.एस सामंत ने अजीत जोगी की उस याचिका पर फैसला दिया है, जिसमें अजीत जोगी की ओर से यह दलील दी गई थी कि जिस एक्ट के तहत उनके ख़िलाफ़ अपराध दर्ज हुआ है वह 2013 में अस्तित्व में आया है और प्रमाणपत्र 1967 में बना था.

बिलासपुर: जाति मामले में जोगी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. एक बार फिर अजीत जोगी को हाइकोर्ट से झटका लगा है. बिलासपुर सिविल लाइन थाने में अजीत जोगी के खिलाफ दर्ज FIR के मामले में उन्हें राहत नहीं मिली है.

समिति की रिपोर्ट आने के बाद हुई FIR
हाईकोर्ट ने जोगी के खिलाफ दर्ज FIR पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. जोगी के खिलाफ उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन की ओर से बिलासपुर सिविल लाइन थाने में FIR दर्ज कराई गई थी. बता दें कि छानबीन समिति की रिपोर्ट में जोगी को आदिवासी नहीं माना गया है.

जस्टिस सामंत ने दिया फैसला
जस्टिस आर.सी.एस सामंत ने अजीत जोगी की उस याचिका पर फैसला दिया है, जिसमें अजीत जोगी की ओर से यह दलील दी गई थी कि जिस एक्ट के तहत उनके ख़िलाफ़ अपराध दर्ज हुआ है वह 2013 में अस्तित्व में आया है और प्रमाणपत्र 1967 में बना था.

Intro:अजीत जोगी को हाईकोर्ट से झटका लगा है । जिला प्रशासन की ओर अजीत जोगी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में दर्ज FIR पर रोक लगाने के खिलाफ जोगी की याचिका पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत नहीं दी है । Body:हाईकोर्ट ने fir पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है । जोगी के खिलाफ उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट आने के बाद जिला प्रशासन की ओर बिलासपुर सिविल लाइन थाने में fir दर्ज की गई थी । छानबीन समिति की रिपोर्ट में जोगी को आदिवासी नहीं माना गया है ।
Conclusion:जस्टिस आर.सी.एस सामंत ने अजीत जोगी की उस याचिका पर फ़ैसला दिया है जिसमें कि अजीत जोगी की ओर से यह दलील दी गई थी कि जिस एक्ट के तहत अजित जोगी के ख़िलाफ़ अपराध दर्ज हुआ है वह 2013 में अस्तित्व में आया है और जोगी का प्रमाणपत्र 1967 में बना था।
विशाल झा....बिलासपुर
Last Updated : Oct 1, 2019, 1:49 PM IST
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