बिलासपुरः कोरोना की तीसरी लहर (Third wave of corona) की तैयारियों को लेकर हाईकोर्ट (High Court) सख्त दिखाई दे रहा है. हाईकोर्ट में ग्लोबल टेंडर (Global tender) जारी करने की मांग को लेकर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से फिर जवाब मांगा है. पूछा गया है कि कितने लोगों का टीकाकरण हुआ और कितने बच गए हैं ? सरकार इसका डाटा पेश करें. मामले की सुनवाई एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा की डिवीजन बेंच में हुई. अगली सुनवाई 13 जुलाई को होगी.
हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
हाईकोर्ट के वकील शैलेंद्र दुबे ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ग्लोबल टेंडर जारी करने को लेकर जनहित याचिका दायर की है. याचिका में शैलेंद्र दुबे ने कहा है कि तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. सरकार ने वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अब तक ग्लोबल टेंडर जारी नहीं किया है. याचिका में कहा गया है कि उत्तरप्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक जैसे कई राज्यों ने वैक्सीन की कमी को देखते हुए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है. याचिका में कहा गया है कि अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ सरकार को भी टेंडर जारी करना चाहिए, ताकि लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन किया जा सके.
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वैक्सीनेशन में लापरवाही
याचिका में कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में वैक्सीन की पूर्ति करने के लिए देश में केवल दो कंपनियां काम कर रही हैं. इसकी वजह से देश के कई राज्यों को वैक्सीन की कमी हो रही है. वैक्सीन ना होने की वजह से कई बार टीकाकरण अभियान रोकना पड़ा है. लोगों को पहले डोज के बाद दूसरी डोज के लिए 3 महीने बाद आने को कहा जा रहा है. जिसको ध्यान में रखते हुए ग्लोबल टेंडर जारी करने की मांग की गई है.
10 दिन में मांगा था जवाब
इससे पहले ग्लोबल टेंडर मामले में 14 जून को सुनवाई हुई थी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जबाब मांगा था. कोर्ट ने पूछा था कि तीसरी लहर से बचने के लिए क्या तैयारियां की गई है. इसको लेकर कोर्ट ने 10 दिन में जवाब मांगा था. अधिवक्ता हिमांशु सिन्हा और सिद्धार्थ गुप्ता ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए सवाल उठाए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार तीसरी लहर से बचने के लिए कोई उपाय नहीं कर रही है. इस पर कोर्ट ने चिंता जताते हुए, राज्य सरकार से तैयारियों का पूरा ब्योरा मांगा था.