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स्मार्ट सिटी के गठन और कार्यों को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट बिलासपुर में हुई सुनवाई - स्मार्ट सिटी

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) बिलासपुर (Bilaspur) में गुरुवार को रायपुर और बिलासपुर स्मार्ट सिटी (Raipur and Bilaspur Smart City Limited) के गठन और उसके क्रियाकलापों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. अब इस केस में 14 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट
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Published : Nov 25, 2021, 9:47 PM IST

बिलासपुर: स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Smart City Limited) कंपनी को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Raipur Smart City Limited) ने अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने 30 नंवबर तक जवाब देने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी.

यह भी पढ़ें: निलंबित IPS जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मिली सुनवाई की नई तारीख

स्मार्ट सिटी लिमिटेड के क्रियाकलापों को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज चीफ जस्टिस की कोर्ट में रायपुर और बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Raipur and Bilaspur Smart City Limited) के गठन और कार्यों को संविधान विरोधी बताने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट में केन्द्र सरकार की ओर एएसजी रमाकांत मिश्रा (ASG Ramakant Mishra) ने जवाब प्रस्तुत किया. इसमें ये माना गया है, कि ये दोनों कम्पनियां उन्हीं कार्यों को कर रही है. जिसकी अनुमति नगर निगम दें, साथ ही इन कंपनियों के निदेशक मण्डल में राज्य सरकार और नगर निगम के बराबर-बराबर प्रतिनिधि होने चाहिये. वर्तमान में इन दोनों कम्पनियों के 12 सदस्यीय, डायरेक्टर्स और निगम आयुक्त के अलावा कोई भी नगर निगम का प्रतिनिधि नहीं है.

याचिकाकर्ता ने इस आधार पर दायर की है याचिका

बिलासपुर के अधिवक्ता विनय दुबे की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और गुंजन तिवारी ने जनहित याचिका में बिलासपुर और रायपुर नगर में कार्यरत स्मार्ट सिटी लिमिटेड कम्पनियों के खिलाफ याचिका दायर की है.

इस याचिका में कहा गया है कि इन्होंने निर्वाचित नगर निगमों के सभी अधिकारों और क्रियाकलाप का संवैधानिक रूप से अधिग्रहण कर लिया है. जबकि ये सभी कम्पनियां विकास के वही कार्य कर रहीं हैं जो संविधान के तहत संचालित प्रजातांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित नगर निगमों के अधीन हैं. विगत 5 वर्षों में कराये गये कार्य की प्रशासनिक या वित्तीय अनुमति नगर निगम मेयर , मेयर इन काउंसिल या सामान्य सभा से नहीं ली गई है

आज हुई सुनवाई में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से प्रस्तुत वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समय मांगा. जिस पर हाई कोर्ट ने 30 नवम्बर तक समय कम्पनी को दिया है. पूरे केस में अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को तय की गई है.

बिलासपुर: स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Smart City Limited) कंपनी को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई. इस दौरान रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Raipur Smart City Limited) ने अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने का समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने 30 नंवबर तक जवाब देने को कहा है. अब मामले की अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को होगी.

यह भी पढ़ें: निलंबित IPS जीपी सिंह को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मिली सुनवाई की नई तारीख

स्मार्ट सिटी लिमिटेड के क्रियाकलापों को चुनौती देने वाली याचिका पर हुई सुनवाई

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में आज चीफ जस्टिस की कोर्ट में रायपुर और बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Raipur and Bilaspur Smart City Limited) के गठन और कार्यों को संविधान विरोधी बताने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट में केन्द्र सरकार की ओर एएसजी रमाकांत मिश्रा (ASG Ramakant Mishra) ने जवाब प्रस्तुत किया. इसमें ये माना गया है, कि ये दोनों कम्पनियां उन्हीं कार्यों को कर रही है. जिसकी अनुमति नगर निगम दें, साथ ही इन कंपनियों के निदेशक मण्डल में राज्य सरकार और नगर निगम के बराबर-बराबर प्रतिनिधि होने चाहिये. वर्तमान में इन दोनों कम्पनियों के 12 सदस्यीय, डायरेक्टर्स और निगम आयुक्त के अलावा कोई भी नगर निगम का प्रतिनिधि नहीं है.

याचिकाकर्ता ने इस आधार पर दायर की है याचिका

बिलासपुर के अधिवक्ता विनय दुबे की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और गुंजन तिवारी ने जनहित याचिका में बिलासपुर और रायपुर नगर में कार्यरत स्मार्ट सिटी लिमिटेड कम्पनियों के खिलाफ याचिका दायर की है.

इस याचिका में कहा गया है कि इन्होंने निर्वाचित नगर निगमों के सभी अधिकारों और क्रियाकलाप का संवैधानिक रूप से अधिग्रहण कर लिया है. जबकि ये सभी कम्पनियां विकास के वही कार्य कर रहीं हैं जो संविधान के तहत संचालित प्रजातांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित नगर निगमों के अधीन हैं. विगत 5 वर्षों में कराये गये कार्य की प्रशासनिक या वित्तीय अनुमति नगर निगम मेयर , मेयर इन काउंसिल या सामान्य सभा से नहीं ली गई है

आज हुई सुनवाई में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से प्रस्तुत वरिष्ठ अधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिये समय मांगा. जिस पर हाई कोर्ट ने 30 नवम्बर तक समय कम्पनी को दिया है. पूरे केस में अगली सुनवाई 14 दिसम्बर को तय की गई है.

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