बिलासपुर : आज उज्ज्वला शेल्टर होम प्रकरण समेत कई मामलों में महिला आयोग सुनवाई करेगा. गुरुवार को इस मामले में दो पीड़िताओं समेत संबंधित टीआई और सीएसपी का पक्ष दर्ज किया गया है. महिला आयोग इस मामले में अन्य पीड़िताओं से उनका पक्ष जानेगा.
मामला सेंसेटिव होने के कारण महिला आयोग ने पीड़िताओं का बयान बंद कमरे में दर्ज किया है. शुक्रवार को अन्य पीड़िता महिला आयोग के समक्ष अपना बयान दर्ज करवा सकती हैं. गुरुवार को हुई सुनवाई में कुल 22 प्रकरण लिस्टेड किए गए थे. इन 22 प्रकरणों में से अधिकांश में पक्षकारों के अनुपस्थित होने के कारण मामले में सुनवाई अधूरी रही. गुरुवार को सिर्फ 4 मामलों में ही सुनवाई पूरी हो पाई और तीन नए प्रकरण को अगली सुनवाई के लिए पंजीबद्ध किया गया है.
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उज्ज्वला प्रकरण की सुनवाई
दो दिवसीय सुनवाई के दौरान कुल 50 मामलों को लिस्टेड किया गया है. तमाम मामलों में दहेज प्रताड़ना, मानसिक प्रताड़ना, दूसरी शादी के मामले, कार्यस्थलों पर उत्पीड़न जैसी शिकायत की गई है. चर्चित उज्ज्वला होम प्रकरण की सुनवाई पर भी नजर बनी रहेगी. गुरुवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि यह मामला उन्हें मनगढ़ंत बिल्कुल नहीं लग रहा है. इसमें कहीं ना कहीं सच्चाई है.
उज्ज्वला शेल्टर होम केस की फैक्ट फाइल
- 17 जनवरी को मामला उजागर हुआ था. युवतियों ने संचालक और अन्य पर दुष्कर्म, छेड़खानी जैसे गंभीर आरोप लगाए.
- 18 जनवरी को पुलिस ने उज्ज्वला गृह के कर्मचारियों पर धारा 294,323,342 के तहत अपराध दर्ज किया.
- 19 जनवरी को पीड़ित युवतियां मीडिया के सामने आईं और संचालक पर दुष्कर्म, छेड़छाड़, मारपीट और प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए.
- 20 जनवरी को महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने अन्य युवतियों को उनके घर और अन्य सुरक्षित जगह शिफ्ट किया.
- 20 जनवरी को ही पीड़िताओं ने आईजी से न्याय की गुहार लगाई और उन्हें उचित कार्रवाई को लेकर ज्ञापन सौंपा.
- 21 जनवरी को पुलिस ने पीड़िताओं का जिला कोर्ट में बयान दर्ज कराया.
- 21 जनवरी के बयान में दुष्कर्म, छेड़छाड़ और प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए.
- 21 जनवरी को ही पुलिस ने संचालक जितेंद्र मौर्य को देर शाम गिरफ्तार किया और बाद में जेल भेजा.