ETV Bharat / state

HC में सोमवार तक बढ़ी झीरम घाटी हमले की सुनवाई - Jeeram Commission case extended

झीरम घाटी हमले को लेकर राज्य शासन की ओर से लगी रिट पर सोमवार तक सुनवाई आगे बढ़ा दी गई है.

FILE
फाइल
author img

By

Published : Jan 13, 2020, 7:33 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 8:24 PM IST

बिलासपुर : उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिवीजन बेंच ने झीरम घाटी मामले में सुनवाई आगे बढ़ा दी है. दरअसल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद शासन ने डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की है, जिस पर सुनवाई सोमवार तक बढ़ा दी गई है.

क्या है मामला ?
बता दें कि झीरम घाटी हमले में मारे गए कांग्रेस के नेता और पुलिस जवानों के मामले में राज्य शासन ने न्यायिक आयोग का गठन किया था. मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रही थी.

HC में सोमवार तक बढ़ी झीरम घाटी हमले की सुनवाई

आयोग की अंतिम सुनवाई 11 अक्टूबर 2019 को हुई. इस दिन शासन की तरफ से पी. सुंदरराज की गवाही हुई थी.आयोग ने राज्य शासन की तरफ से आए आवेदन, जिसमें कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा, बेटी तुलिका कर्मा, चुलेश्वर चंद्राकर, हर्षद मेहता और सुरेंद्र शर्मा की गवाही के लिए आवेदन दिया था, जिसको आयोग ने निरस्त कर दिया. साथ ही राज्य शासन की तरफ से गुरिल्लावार स्कूल नक्सली वार फेयर के अधिकारी बीके पोनवार को टैक्निकल एक्सपर्ट के रूप में बुलाए जाने के आवेदन और मौखिक तर्क रखे जाने के आवेदन को भी निरस्त कर दिया था.

आयोग के फैसले को चुनौती
झीरम आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी. शासन की यचिका में आयोग के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य शासन के पांच लोगों की गवाही, एक टैक्निकल एक्सपर्ट की गवाही सहित तीन आवेदनों को निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद शासन ने डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की है.

बिलासपुर : उच्च न्यायालय की चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी साहू की डिवीजन बेंच ने झीरम घाटी मामले में सुनवाई आगे बढ़ा दी है. दरअसल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद शासन ने डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की है, जिस पर सुनवाई सोमवार तक बढ़ा दी गई है.

क्या है मामला ?
बता दें कि झीरम घाटी हमले में मारे गए कांग्रेस के नेता और पुलिस जवानों के मामले में राज्य शासन ने न्यायिक आयोग का गठन किया था. मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रही थी.

HC में सोमवार तक बढ़ी झीरम घाटी हमले की सुनवाई

आयोग की अंतिम सुनवाई 11 अक्टूबर 2019 को हुई. इस दिन शासन की तरफ से पी. सुंदरराज की गवाही हुई थी.आयोग ने राज्य शासन की तरफ से आए आवेदन, जिसमें कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा, बेटी तुलिका कर्मा, चुलेश्वर चंद्राकर, हर्षद मेहता और सुरेंद्र शर्मा की गवाही के लिए आवेदन दिया था, जिसको आयोग ने निरस्त कर दिया. साथ ही राज्य शासन की तरफ से गुरिल्लावार स्कूल नक्सली वार फेयर के अधिकारी बीके पोनवार को टैक्निकल एक्सपर्ट के रूप में बुलाए जाने के आवेदन और मौखिक तर्क रखे जाने के आवेदन को भी निरस्त कर दिया था.

आयोग के फैसले को चुनौती
झीरम आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी. शासन की यचिका में आयोग के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य शासन के पांच लोगों की गवाही, एक टैक्निकल एक्सपर्ट की गवाही सहित तीन आवेदनों को निरस्त कर दिया था. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद शासन ने डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की है.

Intro:झीरम मामले में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच से याचिका खारिज होने के बाद शासन ने डिवीजन बेंच में रिट अपील दायर की है. जिस पर सुनवाई सोमवार तक बढ़ गई है. झीरम आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी थी. शासन की यचिका में आयोग के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य शासन के पांच लोगों की गवाही, एक टेक्निकल एक्सपर्ट की गवाही सहित तीन आवेदनों को निरस्त कर दिया था.Body:बता दें कि झीरम घाटी हमले में मारे गए कांग्रेस के नेता, पुलिस जवान के मामले में राज्य शासन ने न्यायिक आयोग का गठन किया था. मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत अग्रवाल की अध्यक्षता में चल रही थी. आयोग की अंतिम सुनवाई 11 अक्टूबर 2019 को हुई. इस दिन शासन के तरफ से पी. सुंदरराज की गवाही हुई थी.आयोग ने राज्य शासन के तरफ से आए आवेदन, जिसमें कांग्रेस के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा, बेटी तुलिका कर्मा, चुलेश्वर चंद्राकर, हर्षद मेहता और सुरेंद्र शर्मा के गवाही के लिए आवेदन दिया था. जिसको आयोग ने निरस्त कर दिया. साथ ही राज्य शासन के तरफ से गुरिल्लावार स्कूल नक्सली वार फेयर के अधिकारी बीके पोनवार को टेक्निकल एक्सपर्ट के रूप में बुलाए जाने के आवेदन और मौखिक तर्क रखे जाने के आवेदन को भी निरस्त कर दिया था.Conclusion:चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन व पी.पी साहू की डिवीजन बेंच में आग लगा था मामला।
Last Updated : Jan 13, 2020, 8:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.