ETV Bharat / state

जनजाति अधिनियम: सार्वजनिक स्थल और साक्ष्य होने पर माना जाएगा अपराध: HC

author img

By

Published : Jan 22, 2021, 4:39 AM IST

दुर्ग के उतई थाने में एक महिला ने ने 26 फरवरी 2020 को FIR दर्ज कराई थी. आरोपियों ने हाईकोर्ट जमानत याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया है.

hearing-in-high-court-in-case-of-caste-based-abuse-and-scuffle-in-woman-in-bilaspur
बिलासपुर हाईकोर्ट

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम के एक मामले में सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य होने पर अपराधी माना जाएगा. अप्रमाणिक घटना के आधार पर हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया है.

पढ़ें: भिलाई: जमीन बिक्री केस में हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका

दुर्ग के उतई थाने में एक महिला ने ने 26 फरवरी 2020 को FIR दर्ज कराई थी. अपनी FIR में उन्होंने आरोप लगाया था कि जब वह उस शाम घर में थी. तब आरोपी रजनीश मिश्रा और उसके दो अन्य साथियों ने बेटे के बारे में पूछताछ की. जब महिला ने कहा कि उसका बेटा घर में नहीं है, तब आरोपियों ने उन्हें जातिसूचक गाली दी. महिला से हाथापाई शुरू की.

पढ़ें: बिलासपुर एयरपोर्ट संबंधी सभी प्रक्रिया को जल्द पूरा करे केंद्र सरकार: HC

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

मामले को लेकर महिला ने थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. आरोपी रजनीश मिश्रा ने सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की. याचिका खारिज कर दी गई. अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अपील पेश की. याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध सार्वजनिक तौर पर नहीं हुआ है. साक्ष्य नहीं हैं. अग्रिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है.

अग्रिम जमानत देने का आदेश

दो गवाहों दीपा वर्मा और उमेश्वरी जो घटना के समय उपस्थित थीं. दोनों ने बताया कि घटना सार्वजनिक तौर पर नहीं हुई है. आरोपियों की ओर से यह तर्क रखने के बाद अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया गया है.

बिलासपुर: हाईकोर्ट ने अनुसूचित जाति और जनजाति अधिनियम के एक मामले में सुनवाई की. हाईकोर्ट ने कहा कि साक्ष्य होने पर अपराधी माना जाएगा. अप्रमाणिक घटना के आधार पर हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया है.

पढ़ें: भिलाई: जमीन बिक्री केस में हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका

दुर्ग के उतई थाने में एक महिला ने ने 26 फरवरी 2020 को FIR दर्ज कराई थी. अपनी FIR में उन्होंने आरोप लगाया था कि जब वह उस शाम घर में थी. तब आरोपी रजनीश मिश्रा और उसके दो अन्य साथियों ने बेटे के बारे में पूछताछ की. जब महिला ने कहा कि उसका बेटा घर में नहीं है, तब आरोपियों ने उन्हें जातिसूचक गाली दी. महिला से हाथापाई शुरू की.

पढ़ें: बिलासपुर एयरपोर्ट संबंधी सभी प्रक्रिया को जल्द पूरा करे केंद्र सरकार: HC

आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज

मामले को लेकर महिला ने थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. आरोपी रजनीश मिश्रा ने सिविल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की. याचिका खारिज कर दी गई. अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अपील पेश की. याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपराध सार्वजनिक तौर पर नहीं हुआ है. साक्ष्य नहीं हैं. अग्रिम जमानत देने पर विचार किया जा सकता है.

अग्रिम जमानत देने का आदेश

दो गवाहों दीपा वर्मा और उमेश्वरी जो घटना के समय उपस्थित थीं. दोनों ने बताया कि घटना सार्वजनिक तौर पर नहीं हुई है. आरोपियों की ओर से यह तर्क रखने के बाद अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.