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हरदीप खनूजा केस, HC ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

हरदीप सिंह खनूजा केस में तत्कालीन एसपी के लगाए इनामी भगोड़ा के आरोप को निरस्त करने और क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर हाईकोर्ट ने याचिका दायर कर राज्य सरकार को नोटिस जारी की है.

Hardeep Khanuja case
हरदीप खनूजा केस
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Published : Jan 9, 2020, 10:06 AM IST

Updated : Jan 9, 2020, 11:54 AM IST

बिलासपुर: हरदीप सिंह खनूजा ने तत्कालीन एसपी की ओर से उसे इनामी भगोड़ा घोषित किए जाने के आदेश को निरस्त करने के साथ ही 5 करोड़ की क्षतिपूर्ति दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी. खनूजा की अर्जी पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

वकील का बयान

मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.

जमीन की धोखाधड़ी का आरोप
बता दें कि खनूजा पर जमीन की धोखाधड़ी करने का आरोप है. हरदीप सिंह ने हाईकोर्ट में दायर याचिका पर कहा कि 'बिलासपुर के तत्कालीन एसपी रहे आरिफ शेख ने अगस्त 2018 में उसे 2015 से लेकर तब तक का ईनामी भगोड़ा घोषित कर दिया था.

याचिका के साथ लगाया फोटोग्राफ
इसके साथ ही एसपी ने खनूजा पर 10 हजार के इनाम की भी घोषणा कर दी थी, जबकि मई 2018 में बिलासपुर के एक सार्वजनिक प्रोग्राम में वो और एसपी आरिफ शेख एक ही मंच पर थे, जिसका फोटोग्राफ भी अर्जी के साथ लगाया गया है.

पढ़े:राज्य युवा उत्सव में राउत नाचा का प्रदर्शन, युवतियों का नृत्य बढ़ाएगा आकर्षण

FIR में हुई गलती: पुलिस
इसके अलावा बिलासपुर के अन्य कई कार्यक्रमों में वह मौजूद रहा. इसके बावजूद उसे भगोड़ा घोषित किया गया है. इसके अलावा खनूजा की ओर से यह भी बताया गया कि 'पुलिस ने ही अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि FIR में गलती हुई है'. मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.

बिलासपुर: हरदीप सिंह खनूजा ने तत्कालीन एसपी की ओर से उसे इनामी भगोड़ा घोषित किए जाने के आदेश को निरस्त करने के साथ ही 5 करोड़ की क्षतिपूर्ति दिए जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी. खनूजा की अर्जी पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

वकील का बयान

मामले की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष की ओर से पेश किए गए साक्ष्य के आधार पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी.

जमीन की धोखाधड़ी का आरोप
बता दें कि खनूजा पर जमीन की धोखाधड़ी करने का आरोप है. हरदीप सिंह ने हाईकोर्ट में दायर याचिका पर कहा कि 'बिलासपुर के तत्कालीन एसपी रहे आरिफ शेख ने अगस्त 2018 में उसे 2015 से लेकर तब तक का ईनामी भगोड़ा घोषित कर दिया था.

याचिका के साथ लगाया फोटोग्राफ
इसके साथ ही एसपी ने खनूजा पर 10 हजार के इनाम की भी घोषणा कर दी थी, जबकि मई 2018 में बिलासपुर के एक सार्वजनिक प्रोग्राम में वो और एसपी आरिफ शेख एक ही मंच पर थे, जिसका फोटोग्राफ भी अर्जी के साथ लगाया गया है.

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FIR में हुई गलती: पुलिस
इसके अलावा बिलासपुर के अन्य कई कार्यक्रमों में वह मौजूद रहा. इसके बावजूद उसे भगोड़ा घोषित किया गया है. इसके अलावा खनूजा की ओर से यह भी बताया गया कि 'पुलिस ने ही अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि FIR में गलती हुई है'. मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है.

Intro:बिलासपुर के चर्चित बिल्डर हरदीपसिंह खनूजा ने तत्कालीन एसपी के द्वारा उसे इनामी भगोड़ा घोषित किये जाने के आदेश को निरस्त कर उसे 5 करोड़ का क्षतिपूर्ति मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया हैं । मामले की सुनवाई में प्रस्तुत किये गए साक्ष्य के आधार पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। मामले में 27 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।
Body:बता दें कि खनूजा के ऊपर जमीन की धोखाधड़ी करने का आरोप लगा हुआ है। हरदीपसिंह ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा है कि बिलासपुर के तत्कालीन एसपी रहे आरिफ शेख ने अगस्त 2018 में उसे 2015 से लेकर अबतक का ईनामी भगोड़ा घोषित कर दिया था। साथ ही 10 हजार के इनाम की भी घोषणा कर दी थी। जबकि मई 2018 में बिलासपुर के एक सार्वजनिक प्रोग्राम में वह और एसपी आरिफ शेख एक ही मंच पर थे, जिसका फोटोग्राफ भी याचिका के साथ लगाया गया है। इसके अलावा बिलासपुर के अन्य कई कार्यक्रमों में वह उपस्थित रहा। इसके बाउजूद उसे भगोड़ा घोषित किया गया है। इसके अलावा खनूजा की ओर से यह भी बताया गया कि पुलिस ने ही अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि एफआईआर में त्रुटि हुई है। Conclusion:मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी किया हैं। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस संजय. के. अग्रवाल की सिंगल बेंच द्वारा की गई।
Byte-advocate sandeep Shrivastava
Last Updated : Jan 9, 2020, 11:54 AM IST
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