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महिला एवं बाल विकास विभाग गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में डाल रहा: हर्षिता पांडेय - थर्मल स्कैनर

छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने आंगनबाड़ियों को लेकर बघेल सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के बीच छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में डाला जा रहा है.

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हर्षिता पांडेय ने आंगनबाड़ियों को लेकर बघेल सरकार पर आरोप लगाया
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Published : Sep 6, 2020, 10:24 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने आंगनबाड़ियों को लेकर बघेल सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने 7 सितंबर से आंगनबाड़ी में गर्म भोजन देने के निर्देश दिए हैं. एक तरफ प्रदेश में कोरोना संक्रमण विस्फोटक स्तर को छू चुका है. इसके बाद भी महिला बाल विभाग अपनी हठधर्मिता के कारण लाखों छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में डाल रहा है.

हर्षिता पांडेय का बघेल सरकार पर गंभीर आरोप

दरअसल, भाजपा नेत्री हर्षिता पांडेय ने कहा कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में जैसे भवन बने हुए हैं. उनमें बच्चे और गर्भवती महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्म भोजन वितरण के निर्देश दे दिए गए हैं. हर्षिता पांडेय ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर बच्चे और गर्भवती को शरीर के तापमान का रिकॉर्ड भी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

'अंतरराष्ट्रीय मांझी सरकार' के इलाके का हाल-बेहाल, जगह-जगह से टूट गई सूराघाट सड़क

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास नहीं है थर्मामीटर

हर्षिता पांडेय ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास न थर्मामीटर है, न थर्मल स्कैनर और न ही पीपीई किट है. फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसे तुगलकी निर्देश दिए गए हैं. अगर माताएं और बच्चे कोरोना संदिग्ध होते हैं, तो इस दिशा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के भी संक्रमित होने का अंदेशा बना रहेगा. पांडेय ने कहा कि बच्चों के संबंध में अनलॉक-4 में अपील की गई है. इन्हें यथासंभव घर से बाहर निकलने न दिया जाए, लेकिन अब सरकार के नियमों का उल्लंघन महिला बाल विकास विभाग कर रहा है.

आंगनबाड़ी में भोजन कराने के निर्देश

इस दौरान हर्षिता पांडेय ने कहा कि तीन से छह वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी में भोजन कराने के निर्देश दिए गए हैं. गर्भवती माताओं को किसी तरह परेशानी होती है, तो गर्भ में पल रहे बच्चों पर इसका असर पड़ सकता है. प्रदेश सरकार किन परिस्थितियों में यह निर्णय ले रही है, समझ से परे है. जहां सूखा राशन देने की बात कही जाती है, वहां पर राशन का वितरण नहीं हो रहा है.

सरकार ने अपने घोषणा पत्र का वादा पूरा नहीं किया

उन्होंने कहा कि बलरामपुर के भगवानपुर में कुपोषण के कारण ही एक बच्चे की मृत्यु हो गई, लेकिन इन सबके बीच एकतरफा निर्देश जारी कर लाखों बच्चों और गर्भवती माताओं की जान को जोखिम में डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दैनिक वेतनभोगी के सामान मानदेय दिया जाएगा, लेकिन मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है. अब तक कोई घोषणा भी पूरी नहीं की गई है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष हर्षिता पांडेय ने आंगनबाड़ियों को लेकर बघेल सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने 7 सितंबर से आंगनबाड़ी में गर्म भोजन देने के निर्देश दिए हैं. एक तरफ प्रदेश में कोरोना संक्रमण विस्फोटक स्तर को छू चुका है. इसके बाद भी महिला बाल विभाग अपनी हठधर्मिता के कारण लाखों छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं की जान जोखिम में डाल रहा है.

हर्षिता पांडेय का बघेल सरकार पर गंभीर आरोप

दरअसल, भाजपा नेत्री हर्षिता पांडेय ने कहा कि प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में जैसे भवन बने हुए हैं. उनमें बच्चे और गर्भवती महिलाओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्म भोजन वितरण के निर्देश दे दिए गए हैं. हर्षिता पांडेय ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को हर बच्चे और गर्भवती को शरीर के तापमान का रिकॉर्ड भी रखने के निर्देश दिए गए हैं.

'अंतरराष्ट्रीय मांझी सरकार' के इलाके का हाल-बेहाल, जगह-जगह से टूट गई सूराघाट सड़क

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास नहीं है थर्मामीटर

हर्षिता पांडेय ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास न थर्मामीटर है, न थर्मल स्कैनर और न ही पीपीई किट है. फिर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ऐसे तुगलकी निर्देश दिए गए हैं. अगर माताएं और बच्चे कोरोना संदिग्ध होते हैं, तो इस दिशा में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के भी संक्रमित होने का अंदेशा बना रहेगा. पांडेय ने कहा कि बच्चों के संबंध में अनलॉक-4 में अपील की गई है. इन्हें यथासंभव घर से बाहर निकलने न दिया जाए, लेकिन अब सरकार के नियमों का उल्लंघन महिला बाल विकास विभाग कर रहा है.

आंगनबाड़ी में भोजन कराने के निर्देश

इस दौरान हर्षिता पांडेय ने कहा कि तीन से छह वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी में भोजन कराने के निर्देश दिए गए हैं. गर्भवती माताओं को किसी तरह परेशानी होती है, तो गर्भ में पल रहे बच्चों पर इसका असर पड़ सकता है. प्रदेश सरकार किन परिस्थितियों में यह निर्णय ले रही है, समझ से परे है. जहां सूखा राशन देने की बात कही जाती है, वहां पर राशन का वितरण नहीं हो रहा है.

सरकार ने अपने घोषणा पत्र का वादा पूरा नहीं किया

उन्होंने कहा कि बलरामपुर के भगवानपुर में कुपोषण के कारण ही एक बच्चे की मृत्यु हो गई, लेकिन इन सबके बीच एकतरफा निर्देश जारी कर लाखों बच्चों और गर्भवती माताओं की जान को जोखिम में डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दैनिक वेतनभोगी के सामान मानदेय दिया जाएगा, लेकिन मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई है. अब तक कोई घोषणा भी पूरी नहीं की गई है.

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